Prem ke Rang - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

प्रेम के रंग - 3 - फेसबुक वाला प्यार

फेसबुक वाला प्यार
एक लड़का था, जिसका नाम अनिल था। उसका कुछ दिन पहले ही एक लड़की के साथ ब्रेकअप हुआ था। अनिल उस लड़की से बहुत प्यार करता था पर वह लड़की किसी और से प्यार करती थी। अनिल को यह बात पता चल गया था कि वह उसे प्यार नहीं करती। यह जानने पर भी अनिल उसे बहुत प्यार करता था, उससे बहुत अच्छे से बात भी करता था। अनिल एक मिडिल क्लास फॅमिली से बिलोंग करता था। जितना उसे पॉकेटमनी मिलता था उन पैसो से वह उस लड़की के लिए गिफ्ट्स और चॉकलेट खरीदकर बर्बाद कर देता था। उस लड़की को बड़े-बड़े रेस्टुरेंट में जाना पसंद था जो अनिल कभी अफोर्ट नहीं कर पाता। पर लड़की ने कभी उसे समझा नहीं। दोनों ने एक-दूसरे के लिए बहुत सारी कसमे भी खाई थी कि दोनों बहुत जल्द ही शादी कर ;लेंगे और हमेशा एक दूसरे को प्यार करते रहेंगे। पर वादे और कसमे तो हर कोई तोड़ता है। अनिल उसके लिए बहुत रोता था पर उस लड़की को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था। एक दिन लड़की ने अनिल को मिलने बुलाया और अनिल की बेहद बेइजत्ती भी की उनके दोस्तों के सामने और ब्रेकअप भी कर लिया और उसके बाद अनिल रोते हुए वहाँ से चला गया। ब्रेकअप तो हो ही गया था पर अनिल को इस बात पर बिलकुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उसका ब्रेकउप भी हो गया हैं। उस लड़की के सारे दोस्तों से वह पूछता रहता कि वह कैसी है पर किसी का रिप्लाई नहीं आता था। और अगर किसी दोस्त ने रिप्लाई दे भी दिया तो वह पूछता था कि तुम क्यों उसके बारे में पूछ रहे हो? अनिल बेचारा चुप हो जाता। याद तो उसको बहुत करता था रोता भी था पर क्या कर सकता था वह। असेही अनिल के जख्म भरते गए। दिन बीतता गया और एक दिन एक लड़की ने अनिल के फेसबुक अकाउंट पर उसका रिक्वेस्ट एक्सेप्ट किया जिसका नाम पूर्वी था। अनिल ने उसे रिक्वेस्ट सेंड किया था बहुत दिनों पहले और अनिल ने उसे hii लिखकर सेंड भी कर दिया। अनिल को एक दिन उसका लड़की का रिप्लाई मिला। अनिल ने उसे पूछा कि तुम कहाँ से हो। पूर्वी ने कहा, “मैं कोलकाता से हूँ और तुम?” अनिल ने हँसते हुए कहा, “मैं भी कोलकाता से ही हूँ मगर तुम कोलकाता में कहाँ रहती हो?” पूर्वी ने बोला, “मैं भबानीपुर से हूँ और तुम?” अनिल ने कहा, “भबानीपुर में तो मैं भी रहता हूँ।” बहुत असेही दोनों में फिर बातें होने लगी उनके बीच। कुछ दिन बाद अनिल ने पूर्वी से पूछा, “क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड हैं?” पूर्वी ने बोला, “नहीं क्यों?” अनिल ने कहा, “नहीं बस ऐसे ही पूछ लिया। तुम तो बहुत अच्छी दिखती हो फिर तुम्हारा बॉयफ्रेंड क्यों नहीं हैं?” पूर्वी ने कहा, “मुझे लड़को में कोई इंटरेस्ट नहीं हैं।” अनिल ने कहा, “अच्छी बात है।” फिर कुछ दिनों बाद पूर्वी ने अनिल से पूछा, “क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं हैं?” अनिल ने कहा, “थी, कुछ दिन पहले ही ब्रेकअप हुआ है।” पूर्वी ने कहा, “कैसे और क्यों?” अनिल ने उसे अपनी ब्रेकअप की कहानी सुना दी। उसकी कहानी सुनकर पूर्वी को बहुत बुरा लगा और अनिल से कहा, “चिंता मत करो तुम्हे उससे भी कोई अच्छी लड़की मिलेगी जो तुम्हे और तुम्हारे प्यार को समझेगा।” अनिल को पूर्वी की बात सुनकर अच्छा लगा। अनिल को पूर्वी बहुत अच्छी लगने लगी थी और सायद पूर्वी को भी। दोनों घंटो तक रात-दिन बातें करते और एक दूसरे की बातें शेयर करते। ऐसेही कुछ महीनो बात करने के बाद दोनों ही एक-दूसरे से प्यार कर बैठे। वैसे तो पूर्वी को किसी भी लड़के पर इंटरेस्ट नहीं था लेकिन से बात करते-करते कब वह उससे प्यार कर बैठा उसे खुद ही पता नहीं चला। इधर अनिल भी उससे प्यार करने लगा था पर पूर्वी को कहने से डरता था क्यूंकि उसे लगता था की अगर पूर्वी ने उसे ना कर दिया तो वह फिरसे टूट जाएगा और उसका प्यार से भरोसा एकदम उठ जाएगा। अनिल ने एक दिन पूर्वी से कहा, “पूर्वी मुझे तुमसे मिलना हैं एक बात केहनी थी तुमसे मिलकर।” पूर्वी भी अनिल से मिलने के लिए बहुत दिन से बेकरार थी पर उसे कहा नहीं और जब अनिल से उसे मिलने के लिए बुलाया तो वह बहुत खुश हो गई। दोनों ने एक जगह पर मिलने का फैसला किया। अनिल उस जगह पहले ही पहुँच चूका था और पूर्वी का इंतजार कर रहा था। जब पूर्वी वहाँ आई तो अनिल उसे बस देखता ही रह गया क्युकी पूर्वी बहुत खूबसूरत लग रही थी और अनिल की नजर उस पर से हट ही नहीं रही थी। फिर दोनों एक सीट पर बैठ गए और पूर्वी उससे कहने लगी, “बोलो क्या कहना चाहते थे तुम?” अनिल उस वक्त बहुत घबरा जाता है और कुछ वह कुछ भी नहीं बोल पाता। आधे घंटे तक दोनों चुप रहे। पूर्वी को अब बहुत गुस्सा आने लगा। उसने वहाँ से चले जाने का फैसला किया। पूर्वी वहाँ से जा ही रहा था कि अनिल ने पीछे से पूर्वी का हाथ पकड़ लिया और अपनी आँखे बंद करकर उससे कहना लगा, “पूर्वी मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ…क्या तुम मुझसे शादी करोगी? मैं हमेशा तुम्हे खुश रखूँगा और ज़िंगगी भर तुम्हारा साथ निभाऊँगा।” यह कहकर उसने पूर्वी का हाथ छोड़ दिया पर उसने अपनी आँखे नहीं खोली। पूर्वी यह सब सुनकर बहुत इमोशनल हो गई और अनिल को गले लगा लिया और कहने लगा, ‘पहले नहीं बता सकते थे क्या पागल इतनी देर तक इंतजार कराया मुझे और कुछ मिनट चुप रहते तो बिना बात किए ही चली जाती। मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।” यह सुनने के बाद अनिल बहुत खुश हो गया और आखिरकार अनिल को एक ऐसी लड़की मिल गई थी जो सच में उसके प्यार को समझ सके और उससे बेहद प्यार करे।