पोली आंटी की बगिया maheshwar sharma द्वारा Short Stories में हिंदी पीडीएफ Home Books Hindi Books Short Stories Books पोली आंटी की बगिया Poly aunty ki bagiya book and story is written by Rekha Shrivastava in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Poly aunty ki bagiya is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पोली आंटी की बगिया by maheshwar sharma in Hindi Short Stories 775 8.5k और डेनियल ने क्रिसमस मनाया काफी दिन हो गए थे डेनियल स्कूल नहीं आ रहा था। डेनियल स्कूल क्यों नहीं आ रहा है इस बात की चिंता किसी को नहीं थी। न टीचर्स को न क्लास के दूसरे बच्चों को। ...Read Moreवह पढ़ने में तेज था और सबसे डिसिप्लिंड भी और वह कभी अबसेंट भी नहीं होता था उसके इस तरह बिना बताए न आने के कारण कभी-कभी कोई टीचर उसके बारे में पूछ अवश्य लेते थे। लेकिन उसके दोस्त हामिद को उसके बारे में चिंता अवश्य थी क्योंकि वह उसके स्कूल न आने के कारण काफी अकेलापन महसूस कर रहा था। हामिद और डेनियल में अच्छी दोस्ती थी चँूकि ये दोनों गरीब थे इस कारण क्लास के दूसरे बच्चे इनसे दूर रहते और इनके साथ रहना अपनी बेइज्जती समझते थे। कारण था कि हामिद के पिता रिक्शा चलाते थे और डेनियल के पिता किसी किताब के शो रूम में काम करते थे। हामिद ने सोचा आज छुट्टी के बाद मैं डेनियल के घर जाऊँगा और पता लगाऊँगा कि डेनियल क्यों नहीं स्कूल आ रहा है। जब छुट्टी हुई तो हामिद अपने घर जाने के बजाय डेनियल के घर चला गया। वहाँ जाकर उसने देखा कि डेनियल के पिता बीमार हैं और डेनियल उनके सिरहाने बैठा उनका सिर दबा रहा है। यह देखते ही डेनियल के स्कूल नहीं आने का कारण हामिद को समझ आ गया। डेनियल ने बताया कि उसके पापा की चार-पाँच दिनों से तबियत खराब है, इस कारण वह स्कूल नहीं आ पा रहा हूँ। इसी सप्ताह क्रिसमस का त्योहार भी है लेकिन मंै कैसे मना पाऊँगा कुछ समझ नहीं आ रहा। डेनियल को क्रिसमस का ही तो बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि क्रिसमस के दिन चर्च में बड़ी प्रार्थना सभा का आयोजन होता है और लोग रंग-बिरंगे कपड़ों में चर्च जाते हैं। काॅलोनी के लड़के-लड़कियाँ नाचते-गाते हैं और कई तरह के खेल प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन करते हैं। काॅलोनी में ही रहने वाले जोसेफ अंकल सांता क्लाॅज बन कर बच्चों का मनोरंजन करते हैं। डेनियल इस बात से चिंतित था कि वह इस बार क्रिसमस को सही तरह से सेलेब्रेट नहीं कर पाएगा। हामिद ने सोचा कि वह ऐसा नहीं होने देगा और जहाँ तक हो सकेगा वह डेनियल की सहायता करेगा। क्रिसमस की सुबह थी डेनियल अपने पिता को दवा पिला रहा था तभी हामिद उसके घर आया। डेनियल को खुशी हुई क्योंकि हामिद ही तो था जो उसका अच्छा दोस्त था और हर तरह से सहयोग करने की कोशिश करता था। डेनियल ने देखा हामिद के हाथ में केक का डब्बा, चाॅकलेट, गुब्बारे, कैंडल आदि हैं। डेनियल ने पूछा-अरे, ‘तुम यह सब कहाँ से उठा लाए ’। तो हामिद ने कहा, ‘मुझे जो पैसे मेरे अब्बा और मामू जान ने ईद के त्योहार पर दिए थे वे पैसे मैंने अपनी गुल्लक में जमा कर दिये थे और उसमें तो पहले से भी कुछ पैसे थे ही, उन्हीं पैसों से यह सारा कुछ खरीद लाया हूँ। आखिर आज हमें क्रिसमस भी तो मनाना है।’ यह सुनकर डेनियल के आंखों में आंसू आ गए। उसने हामिद को गले लगाते हुए कहा, ‘तुम मेरे सच्चे दोस्त ही नहीं बल्कि यीशु भी हो! तुम्हारे कारण ही आज त्योहार के दिन मेरे घर भी कैंडल जल सकेगी।’ डेनियल को सांता क्लाॅज से जुड़ी कहानियाँ याद आने लगी। किस तरह सांता क्लाॅज क्रिसमस के दिन छोटे-मोटे चमत्कार दिखलाते हैं और छोटे बच्चों को चाॅकलेट। उसे एक पल को लगा कि हामिद उसका दोस्त नहीं बल्कि सांता क्लाॅज ही हो। Read Less Read Full Story Download on Mobile पोली आंटी की बगिया More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything