कहानी "काश आप कमीने होते!" में लेखक उमानाथ लाल दास ने एक परिवार की जटिलताओं और सामाजिक दबावों को दर्शाया है। मुख्य पात्र, जो पत्रकार है, अपने जीवन की चुनौतियों और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को समझता है, लेकिन वह इस स्थिति को बदल नहीं पाता। उसे यह अहसास होता है कि आजकल की पत्रकारिता में वास्तविकता की जगह केवल दिखावा और वित्तीय हित हैं। उसकी पत्नी और बच्चों की शिक्षा को लेकर घर में लगातार विवाद होते हैं। वह सरकारी स्कूल में पढ़ाने के अपने सिद्धांतों का समर्थन करता है, जबकि उसकी पत्नी बच्चों को महंगे प्राइवेट स्कूलों में भेजने की चाह रखती है। इस दरम्यान, वह अपने सहकर्मियों की अमीरी और अपने ही जीवन के संघर्ष की तुलना करता है। कहानी में सामाजिक वर्ग, शिक्षा की गुणवत्ता, और पारिवारिक संबंधों की गहराईयों को उजागर किया गया है। पति-पत्नी के बीच की संवादहीनता और जीवन की वास्तविकताओं के बीच संघर्ष इस कहानी का मुख्य विषय है। अंततः, यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो अपने सिद्धांतों और सामाजिक दबावों के बीच में फंसा हुआ है। काश आप कमीने होते ! - 6 by uma (umanath lal das) in Hindi Fiction Stories 4 1.8k Downloads 4.9k Views Writen by uma (umanath lal das) Category Fiction Stories Read Full Story Download on Mobile Description समझता तो वह भी था कि जीवन इससे चलनेवाला नहीं, लेकिन यह समझदारी किसी काम की नहीं थी। वह उस रास्ते पर चल नहीं सकता था, जहां रिलीज से पैसे झड़ते और स्टोरी सेरुपए। एक्सक्लूसिव का मतलब अब वैसी खबर से था जिससे किसी विभाग या प्रतिष्ठान का कोई वित्तीय नुकसान न हो रहा हो। विभागों व अधिकारियों की उपलब्धियों का ढिंढोरा ही एक्सक्लूसिव रह गए थे। हां किसी एजेंडा के तहत जरूर कभी-कभी खबर नुमा खबर छपती रहती। वह जानता था कि उसके नीचे काम करनेवाले सोहन के घर में ऐशो आराम के सारे सामान कहां से बरस रहे हे। पहले सिन्हा जी ने इस पर गौर नहीं किया था। Novels काश आप कमीने होते ! पाठकों की आश्वस्ति के लिए मैं यह हलफनामा नहीं दे सकता कि कहानी के पात्र, घटनाक्रम, स्थान आदि काल्पनिक हैं। किसी भी तरह के मेल को मैं स्थितियों का संयो... More Likes This नींद में चलती कहानी... - 1 by Babul haq ansari शब्दों का सच्चा सौदागर - 1 by Chanchal Tapsyam Taaj Ya Taqdeer ? - 1 by dhun गड़बड़ - चैप्टर 2 by Maya Hanchate इश्क़ बेनाम - 1 by अशोक असफल शोहरत की कीमत - 1 by बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! by Chaudhary Viral More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories