यह कहानी यशवन्त कोठारी की है, जिसमें लेखक अपने विवाह के समय के डबल बेड की समस्या का वर्णन करते हैं। लेखक की पत्नी एक डबल बेड बनवाने की मांग करती है, जबकि लेखक इसे एक अनावश्यक खर्च समझते हैं। पत्नी की जिद के कारण लेखक को मजबूर होकर डबल बेड बनवाने के लिए सहमत होना पड़ता है। डबल बेड बनाने के लिए एक कारीगर की तलाश शुरू होती है, जो अक्सर समय पर नहीं आता। लेखक दफ्तर के एक मिस्त्री से काम कराने का निर्णय लेते हैं, लेकिन मिस्त्री हमेशा किसी न किसी बहाने से काम टालते रहते हैं। इसके चलते डबल बेड का सामान खराब होता रहता है, और लेखक परेशान होते हैं। एक दिन, कारीगर बताता है कि लकड़ी असली नहीं है और उसे बेहतर सामग्री के लिए बांसवाड़ा जाने की सलाह देता है। लेखक मजबूर होकर अपने बॉस को मनाकर बांसवाड़ा जाते हैं और वहां से सही सामग्री लाते हैं। लेकिन कारीगर की चालाकी की वजह से उन्हें कई बार काम के लिए छुट्टियां लेनी पड़ती हैं, जिससे लेखक की सारी छुट्टियां खत्म हो जाती हैं। कहानी में लेखक की निराशा और व्यंग्यात्मक शैली से यह दर्शाया गया है कि कैसे एक साधारण सी डबल बेड की इच्छा परिवार में कई समस्याओं का कारण बन जाती है। अंत में, लेखक की स्थिति यह होती है कि बच्चे लकड़ी के टुकड़ों से खेल रहे होते हैं, और कारीगर फिर से किसी चीज़ की मांग करता है। यह कहानी विवाह, ज़िम्मेदारियों और घरेलू जीवन की जटिलताओं को मजेदार तरीके से पेश करती है। वैश्या वृतांत - 19 by Yashvant Kothari in Hindi Love Stories 6.6k 4.7k Downloads 11k Views Writen by Yashvant Kothari Category Love Stories Read Full Story Download on Mobile Description कहानी डबल बेड की यशवन्त कोठारी वैसे मेरी शादी काफी वर्षो पूर्व हो गई थी। उन दिनों डबल बेड का रौब दाब राज-महाराजाओं तक ही था। हर शादी में बेड आने का रिवाज नहीं था। आजकल तो नववधू के साथ ही डबल बेड आ जाता है। इसे बनवाने की समस्या अब नहीं आती। मगर मेरे साथ समस्या है क्यों कि तब डलब बेड साम्यवादी नहीं हुआ था जनाब। एक रोज पत्नी ने कह दिया, ‘‘अब तो एक बेड बनवा ही डालो। पूरे मोहल्ले में एक हमारे पास ही डबल बेड नहीं है। मुझे तो बड़ा बुरा लगता Novels वैश्या वृतांत देह व्यापार.विवेचन इनसाइक्लोपेडिया ब्रिटानिका के अनुसार देह व्यापार का अर्थ है मुद्रा या धन या मंहगी वस्तु और षारीरिक सम्बन्धों का विनिमय। इस परिभापा... More Likes This पहली नजर का पहला प्यार by PAYAL PARDHI कुछ पल अनजाने से - भाग 1 by Gunjan Banshiwal मैं तेरे प्यार में पागल - 1 by Bharti 007 चाहत -ए- तपिश - 1 by Unicorngirl दिल का रिश्ता - 1 by soni मैं बिखरा नहीं......बस बदल गया - 1 by vikram kori Mafiya Boss - 1 by PAYAL PARDHI More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories