"मैं अंधेरे में हूँ" एक ऐसी वास्तविकता है जो आजकल के 90% लोगों को प्रभावित कर रही है। यह अंधेरा उन परिस्थितियों का प्रतीक है जब लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित होते हैं और निराशा में डूब जाते हैं। युवा इस स्थिति का अधिक सामना कर रहे हैं, जहाँ वे अच्छे अंकों और नौकरी के प्रतियोगिताओं के दबाव में होते हैं। अधिकतर मिडिल क्लास परिवारों में बच्चों को यह सिखाया जाता है कि उन्हें कड़ी मेहनत करनी है और एक अच्छी नौकरी प्राप्त करनी है, लेकिन प्रतियोगिता इतनी अधिक है कि कई लोग बस डिग्री लेकर बेरोजगार रह जाते हैं। आज की शिक्षा नीति इस संकट का एक बड़ा कारण है, क्योंकि यह केवल नौकरी पाने का मार्ग दिखाती है, जबकि वास्तविक योग्यता नहीं देती। यदि युवा अपनी विशेषताओं को पहचानें और उन्हें पेशेवर रूप से विकसित करें, तो वे सफल हो सकते हैं। सोशल मीडिया आज की दुनिया में अपने कौशल को प्रदर्शित करने और कमाई करने का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है। इस लेख में बताया गया है कि व्यक्ति की सफलता उसकी पढ़ाई पर नहीं, बल्कि उसकी विशेषता और क्षमता पर निर्भर करती है। आज की सफल हस्तियों ने अपनी क्षमता को पहचाना और उसे विकसित किया, जैसे कि एक चाय बेचने वाला व्यक्ति जो अपनी नेतृत्व क्षमता के बल पर प्रधानमंत्री बना। इसलिए, युवा अगर अपनी विशेषताओं को पहचान कर आगे बढ़ें, तो वे अंधकार से बाहर निकल सकते हैं और सफल बन सकते हैं। मैं अंधेरे में हूँ। by Rajesh Kumar in Hindi Motivational Stories 6 2.1k Downloads 9.7k Views Writen by Rajesh Kumar Category Motivational Stories Read Full Story Download on Mobile Description "मैं अंधेरे में हूँ" एक ऐसी वास्तविकता है जो आज कल 90% लोगों के साथ घटित हो रही है अंधेरे का आशय यहाँ उन परिस्थितियों से है जब हम अपने भविष्य को लेकर इतने उलझ जाते है कि हमें ध्यान ही नही रहता कि हमें अब करना क्या है घोर निराशा में जकड़ कर एक जिंदा लाश बन जाते हैं ये वो स्थिति होती है जहाँ से निकलकर व्यक्ति सफलताओं की सीढ़ियों को चड़ता है या फिर अच्छी खासी जिंदगी को नरक बना लेता है और हर समय दुखी मन के साथ बस जिंदा भर बना रहता है। इस प्रकार More Likes This दस महाविद्या साधना - 1 by Darkness श्री गुरु नानक देव जी - 1 by Singh Pams शब्दों का बोझ - 1 by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग by Radhey Shreemali कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग) by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR काफला यूँ ही चलता रहा - 1 by Neeraj Sharma डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 2 by Miss Chhoti More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories