Suljhe Ansuljhe - 4 by Pragati Gupta in Hindi Moral Stories PDF

सुलझे...अनसुलझे - 4

by Pragati Gupta Matrubharti Verified in Hindi Moral Stories

सुलझे...अनसुलझे आहत मासूमियत ------------------- करीब दो घंटे से एक युवती को अपने चेम्बर के बाहर गुमसुम बैठा देखकर मेरे मन में एक सवाल उठा क्यों बैठी है यह युवती? जबकि दो बार रिसेप्शनिस्ट ने उसको आवाज़ दे कर पूछ ...Read More