Master ji ka chashma by SAMIR GANGULY in Hindi Children Stories PDF Home Books Hindi Books Children Stories Books मास्टर जी का चश्मा मास्टर जी का चश्मा by SAMIR GANGULY in Hindi Children Stories 141 1.2k 1.उसरातखूबजमकरबारिशहुईथी.सुबहहोतेहीयहखबरसारेमोहल्लेमेंफैलगयीकिमास्टरअयोध्याप्रसादगोसाईअबनहींरहे.जबगोकुलनेयहसुनातोउसेलगाकिकानोंनेगलतसुनाहै.हालांकिगोसाईमास्टरपिछलेतीनवर्षोंसेदमेकेमरीजथे, उम्रभीदसकापहाड़ासातबारपढ़चुकीथी.इसपरभीगोकुलकोयकीननआताथाकिमास्टरजीइतनीजल्दीटेंबोलजाएंगे.जिसदिनसेगोकुलनेमास्टरजीकासुनहरेफ्रेमकामोटेशीशोंवालाचश्माचुरायाथा,उसदिनसेउसेयहीडरसताताआयाथाकिएकदिनमास्टरजीउसकीयहहरकतजानजाएंगेऔरफिरअपनाडंडाफटकारतेहुएकुर्तेकीबाजूचढ़ाकरपीटते-पीटतेउसकीपीठकोढोलबनाडालेंगे.***मास्टरजीकेघरकेसामनेकाफीभीड़थी.लोगचुपचापउदासचेहरालटकाएबैठेथे.अर्थीसजाईजारहीथी.मास्टरजीकेमरतेहीउनकाज्ञानेश्वरमहत्त्वहीनहोगयाथाऔरइससमयवहतुलसीकेबिरवेकेनीचेचुपचापपड़ाथा.मास्टरजीअपनीछड़ीकोज्ञानेश्वरकहतेथे.लेकिनआजअचानकहीमास्टरजीकेसाथ-साथज्ञानेश्वरजीभीस्वर्गवासीहोगएथे.लेकिनउसचश्मेकेलिएमास्टरजीकाफीदिनपहलेहीस्वर्गीयहोचुकेथे.हां,अबगोकुलकीभीमनोकामनापूरीहोजाएगी.एकदिनवहमास्टरजीकाचश्मापहनकरपूरेबाजारमेंघूमेगाऔरदेखेगाइसदुनियाको,इसबाजारको,एक-एकप्राणीको...मास्टरजीकेचश्मेसे!रोजकीतरहहीउसनेचौकबाजारमेंहलवाईकोगरमजलेबियांतलतेदेखा.औरतबउसेहमेशाकीतरहजेबमेंपैसेनहोनेकादु:खहुआ,इसदु:खकोभूलनेकेलिएयाफिरललचाईआंखोंकोमोटेहलवाईकीनज़रसेबचानेकेवास्तेउसनेआंखोंपरचश्मालगालिया.लेकिनयहक्या!चश्मालगातेहीजैसेदुनियाबदलगई.यहांतककिवहस्वयंमेंभीएकबदलावमहसूसकरनेलगा.कहांगयाहलवाईकाजलेबीकाकड़ाहाऔरवेलाल-लालजलेबियां?येतोकीचड़मेंकीड़े-मकोड़ेबिलबिलातेनज़रआरहेहैं,औरवहदूध?वहसाफदेखरहाहैउसमेंतैरतेहुएब्लाटिंगपेपरकेछोटे-छोठेटुकड़े.डालडेकीजगहचर्बी.क्यायेमिठाइयांहै?उससेरहानगया,हलवाईकीदुकानकेसामनेजाकरवहजोरसेचिल्लाया, ‘‘बंदकरोयहजहरबनाना!समाजकेदुश्मन,तुम्हेंशर्मनहींआती?’’मिठाईखातेलोगचौंकगए.‘‘क्याबकतेहोबेवकूफ?’’हलवाईगुर्राया.‘‘क्यों,क्यासबकोबतानापड़ेगाकितुमवनस्पतिघीमेंचर्बीऔरदूधमेंब्लाटिंगपेपरमिलातेहो?’’उसनेकहा.‘‘किसनेदेखाहै?’’‘‘मैंने-मास्टरअयोध्याप्रसादगोसाईने.’’‘‘लेकिनतुमतोगोकुलहो.मधुबाबूकेलड़के!’’हलवाईनेउसेझकझोरतेहुएकहा.उसेभीलगाकिशायदवहगोकुलहीहै.दुविधामेंपड़तेहुएउसनेचश्माउतारा.चश्माउतारतेहीदुनियादूसरेरूपमेंथी-वहीपहलेवाली.हां,अबलोगहलवाईकीमिठाइयोंकोठोकरमारतेहुए. ‘थू-थू’करतेहुएदुकानसेबाहरनिकलरहेथे.हालहीमेंजोकुछहुआ,उसपरउसेआश्चर्यहोरहाथा. ‘तोक्यायहचश्मापहनलेनेसेमैंसबकोमास्टरजीकीनज़रसेदेखनेलगाथा!’गोकुलनसोचा,चलोअगरऐसाहै,तोहैतोबड़ाविचित्र,किंतुबुरानहीं.इसकमबख्तमास्टरकोबड़ाघमंडथाकिखूबजमानादेखाहै.चलो,अबहमेंदिखातेचलोकितुमनेक्या-क्यादेखाथा.लोवहअपनेगज्जूदादाआरहेहैं.’‘‘क्योंबेटे?कितनेपैसेचुराएबापके,सिनेमादेखनेकेलिए?’’उसकेमुंहसेनिकला.औरजवाबमेंएककराराघूंसाआया.चश्माचुपचापउठालियाऔरचश्मेकीविशेषतागज्जूदादाकोबताएबिनामाफीमांगतेहुएआगेबढ़गया.कुछआगेजाकरउसनेफिरचश्माआंखोंपरलगालिया.‘यहशायदकमलआरहाहै,बैरिस्टरनेमचंदकालड़का.बड़ेदु:खकीबातहैकिबिल्कुलबापजैसानिकलरहाहै.पिछलेसालपत्थरमारकरझाड़ीमेंऐसाछिपा,जैसेमैंपहचानहीनहींपाऊंगा.लेकिनइसेक्यापताकिमैंकितनातेजदेखताहूं.यहमूर्खतोयहभीनहींजानताहोगाकिजबइसकेबापनेकबूतरमारतेसमयमेरेएकमात्रबच्चेकोगोलीसेभूनदियाथा,तबभीमैंउसकोपहचानगयाथा.वहतोआजतकयहसमझताहैकिवहसफाईसेभागाथा.मैंनेउसेभीमाफकरदियाहै.’चश्मालगाकरदेखतेहुएगोकुलकेमनमेंआया.‘‘क्योंबे,यहचश्माकिसकामाराहै?’’कहतेहुएकमलनेगोकुलकाचश्माउतारलिया.कमलसेचश्मावापसलेतेहुएगोकुलनेकहा, ‘‘कमलगोसाईमास्टरजानतेथेकितुमनेहीउनकासिरफोड़ाथा.वेयहभीजानतेथेकितुम्हारेपितानेउनकेबच्चेकाखूनकियाथा. ’’‘‘क्याबकतेहो?’’कमलचिल्लाया.‘‘चिल्लाओमत,अपनेपिताजीसेपूछना. ’’गोकुलनेनिश्चितभावसेकहा. ‘‘ठीकहै.अगरयहबातगलतहुईतोमैंतुम्हेंकच्चाचबाडालूंगा.’’यहकहकरकमलउल्टेपैरलौटगया.‘गोसाईमास्टर,मुझेतुमपरदयाभीआतीहै,’गोकुलसोचनेलगा, ‘लेकिनतुमथेपूरेजल्लाद.मेरीपीठपरतोतुमनेकईनक्शेहीखींचडालेहैं.तुम्हारावशचलतातोशायदतुममुझेपहाड़ेयादनकरनेकीसजासेफांसीहीदेदेते.लेकिनतुमआखिरमेरेबारेमेंक्यासोचतेथे?’औरगोकुललौटपड़ा.घरपहुंचकरवहआईनेकेसामनेजाखड़ाहुआ.मास्टजीकाचश्मालगातेहीउसकेमनमेंफिरविचारआनेलगे-‘लोइसशैताननेआजफिरकंघीनहींकीहै.मधुबाबूकायहलाडलाछोकराबुरीसंगतिमेंपड़ताजारहाहै.लेकिनमैंइसेहरहालतमेंबचाउंगा,मेरानिश्चयहैकिइसेकुछनकुछबनाकरहीरहूंगा.बेचारेकोपीटतेहुएबड़ादु:खहोताहै.नजानेक्यासोचताहोगामेरेबारेमें?काश!यहसमझपाताकिइसकोएकछड़ीमारतेहुएमेरेसीनेपरएककीलठकसेगड़जातीहै.नजानेक्यों,जबइसेदेखताहूंमुझेअपनेबच्चेकीयादआजातीहै.जीचाहताहैइसेखूबप्यारकरूं.मैंनेचाहाथाकिमेराबच्चाबड़ाहोकरएकडॉक्टरबने.अबमेरीयहीइच्छाहैकिगोकुलएकडॉक्टरबने.इसकेलिएसाराखर्चाभीमैंहीदूंगा.’‘‘क्योंरेगोकुल?इतनीदेरसेआइनेकेसामनेखड़ाक्याकररहाहै?’’मांकीआवाजकमरेमेंगूंजी.‘गोकुल’नामसुनकरवहचौका.फिरउसनेचश्माउताराऔरमास्टरजीकेबारेमेंसोचनेलगा.उसकीआंखोंमेंआंसूभरआए.वहरोउठा: ‘मास्टरजी,तुमबहुतभोलेथे.तुमनेजिसेसिरपरबैठानाचाहा,वहीतुम्हेंठोकरमारनेकामौकातलाशतारहा.लेकिननिराशमतहोना.तुम्हारीआशाओंकोपूराकरनेकीगोकुलहरकोशिशकरेगा.मास्टरजीमुझेआशीर्वाददेना.’गोकुलनेउदासआंखोंसेचश्मेकोदेखा,औरफिरउसेपूरीइज्जतसेकिताबोंकीअलमारीमेंरखदिया. Read Less Read Full Story Download on Mobile More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Novel Episodes Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Humour stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Social Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything SAMIR GANGULY Follow