Suljhe Ansuljhe - 6 by Pragati Gupta in Hindi Moral Stories PDF

सुलझे...अनसुलझे - 6

by Pragati Gupta Matrubharti Verified in Hindi Moral Stories

सुलझे...अनसुलझे कहीं थी मज़बूरी...तो कहीं ------------------------------ आज सेंटर की सीढ़ियों को चढ़ते समय अनायास ही मेरी नज़र एक औरत पर गई। जो कुछ ज्यादा ही सिकुड़कर सेंटर की बेंच के एक कोने पर चुपचाप बैठी हुई थी| उसको अपने ...Read More