Aiyaas - 4 by Saroj Verma in Hindi Moral Stories PDF

अय्याश--भाग(४)

by Saroj Verma Matrubharti Verified in Hindi Moral Stories

दूसरे दिन विन्ध्वासिनी की विदाई थी और सत्यकाम अपने घर में उदास बैठा था,उसके मन का हाल केवल गंगाधर और श्रीधर ही समझ सकते थे,तब सत्यकाम की माँ वैजयन्ती घर के भीतर आई और सबसे बोली.... तुम सब यहाँ ...Read More