Mere Ghar aana Jindagi - 10 by Ashish Kumar Trivedi in Hindi Fiction Stories PDF

मेरे घर आना ज़िंदगी - 10

by Ashish Kumar Trivedi Matrubharti Verified in Hindi Fiction Stories

(10)अमृता इंतज़ार कर रही थी कि समीर कुछ कहे। समीर पशोपश में था। इस बात से अमृता की चिंता बढ़ गई थी। उसने कहा,"समीर इस तरह सोच में पड़े हो। बात क्या है ? खुलकर बताओ।"समीर ने सोच लिया ...Read More