रामायण - अध्याय 2 - अयोध्याकांड - भाग 5

by MB (Official) Matrubharti Verified in Hindi Spiritual Stories

(5) श्री राम-कौसल्या संवाद* अति बिषाद बस लोग लोगाईं। गए मातु पहिं रामु गोसाईं॥मुख प्रसन्न चित चौगुन चाऊ। मिटा सोचु जनि राखै राऊ॥4॥ भावार्थ:-सभी पुरुष और स्त्रियाँ अत्यंत विषाद के वश हो रहे हैं। स्वामी श्री रामचंद्रजी माता कौसल्या ...Read More