शाकुनपाॅंखी - 7 - समरसता की चिन्ता

by Dr. Suryapal Singh Matrubharti Verified in Hindi Moral Stories

10. समरसता की चिन्ता कच्चे बाबा गंगा तट पर स्थित अपने छोटे से आश्रम में एक आसनी पर बैठे हैं। पारिजात शर्मा कन्धे पर उत्तरीय डाले आए। बाबा के सामने ही बैठ गए। उन्होंने बताया, “कान्यकुब्ज नरेश का राजसूय ...Read More