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अब आगे, सब डाइनिंग टेबल पर अपना अपना नाश्ता कर ही रहे होते है कि अमृत का फोन बजन...
37 तुम्हारी तान्या?? अब श्याम को किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। “मेरी तनु आ...
दूसरे दिन सुबह-(पता नहीं मैं ऐसे कैसे सो गया? मुझे वृषा को वृषाली के पहले जगाना...
1. बदमाश बच्चों की टोलीएक छोटे से गाँव में रहने वाले कुछ बच्चे अक्सर विद्यालय नह...
(क)वर्तमान चर्चा में बाबा वेंगा कि भविष्यवाणियां-1-बाबा वेंगा कि डरावनी भविष्यवा...
अब आगे, तनवी फिर से अपने आप से कहती हैं, " अरे पागल, जल्दी कर अभी तुझे तैयार होक...
प्रकरण - १ "दोस्तो! मैं हूं इस शो की होस्ट अमिता। आप सभी का तहे दिल से स्वागत कर...
अब आगे, आराध्या और जानवी दोनो अब शॉपिंग करने के लिए मॉल आ चुके होते हैं और आराध्...
अगले ही दिन आहुति ने फिर एस टी डी बूथ से पार्वती को फ़ोन लगाया, “हैलो नानी” “हैल...
राजवीर से नीचे कार में वेट करने की बात कहकर सुहासी वहां से चली गयी, राजवीर भी फट...
दुनिया भर में लोग कुत्ते पालने का शौक़ सबसे ज़्यादा रखते हैं। हज़ारों नस्लों के छोटे - बड़े डॉगी इंसानों के पसंदीदा मित्र बन कर उनके पालतू के रूप में उनके साथ रहते थे। इन कुत्तों म...
एक गांव था। उसमे रोहन अपने दूसरे दोस्तो के साथ रहता था। एक का नाम सोहम, दूसरे का नाम जोन और तीसरे का नाम अब्राहम था। वह चारो मुंबई में रहते थे। वह चारो हमेशा साथ रहते, घूमते और उन...
हम अभी भी ऐसे समाजमें रहते हैं जहां किसी अंजान रोगने इंसान को घेर लिया है | तो उसके निदान या इलाज के बारे में सोचना तो दूर की बात, वह मरीज़ को नफरत की नज़रो से देखा जाता है, उस व्यक...
विनोद की माँ हरिमती महेंद्र की माँ राजलक्ष्मी के पास जा कर धरना देने लगी। दोनों एक ही गाँव की थीं, छुटपन में साथ खेली थीं। राजलक्ष्मी महेंद्र के पीछे पड़ गईं - बेटा महेंद्र, इस...
हेल्लो दोस्तों कैसे है। रहस्मय जगह के बारे में और उनसे जुडी रहस्मय और डरावनी कहानियां उम्मीद करता हूँ आपको काफी पसन्द होगी। मै आपके सामने लेकर के आया हूँ । एक ऐसी ही भूतिया ,डर...
मुंबई का मशहूर कपूर परिवार जिसका बस नाम ही काफी है ,लोगों पर अपना असर छोड़ने के लिए ...!!!!आज कपूर परिवार को इस लेवल तक पहुंचाने में जिसका हाथ था ,वह 28 वर्ष का अथर्व कपूर था....!!...
अरे बाजू हटो रे सब लोग वरना एक्सिडेंट हो जाएगा फिर कहना मत देख कर नहीं चलाते गाड़ी हाहहा अरे ओ भाई इतनी ठंड इतनी गर्मी वाली बात किसको सुना रहे हो जाओ ना अपने रास्ते पे जहा जाना...
काफी साल बीत गए थे ऋषिराज को अपने गाँव गए हुए बचपन से ही गाँव से दूर शहर में अपने माता पिता के साथ वह रहने लगा था ।पढ़ाई लिखाई भी यही पूरी की इतिहास में डिग्री ले कर अब काम तलाश रहा...
हेल्लॉ दोस्तो इ हॉप की सब ठीक हो होंगे तो आज की कहानी की जानकारी यह है की इस कहानी मे दो तरह के तरीके पढ्ने को मिलेंगे एक conversation और दुसरा narrator यानी इस कहानी मे कुच एपिसोड...
"क्या देख रही हो?" उन दिनों मैं साल 1966 की बात कर रहा हूँ।तब कालेज आज की तरह जगह जगह नही हुआ करते थे।मेरे पिता रेलवे में थे और उनके ट्रांसफर होते रहते थे।इसलिए मेरी शिक्ष...
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