बौने और मोची Learn Hindi - Story for Children

Hindi   |   06m 16s

A poor cobbler and his wife worked very hard but could never earn enough to live comfortably. Watch how two little elves come to their rescue. बौने और मोची बुकबॉक्स द्वारा पुनर्कथित हलाँकी पीटर मोची बड़ी मेहनत करता और गाँव में सबसे स्नेह रखता था, वह कभी इतना न कमा पाया कि अपने लिए जूते बना पाता। उस सर्द और बर्फ़ीले दिन उसकी कार्यशाला में बस इतना ही चमड़ा बचा था कि वह उससे अन्तिम जोड़ी जूते बना सके। उस शाम, बड़ी सावधानी के साथ पीटर ने अपने क़ीमती चमड़े को काटा और सवेरे उसे सीने के लिए एक तरफ़ उठाकर रख दिया। अगली सवेरे जब सूरज उगा और पीटर काम शुरू करने बैठा तो वह आश्चर्य-चकित रह गया। बहुत ही कलात्मक ढंग के बने हुए एक जोड़ी जूते उसकी काम करने की मेज़ पर विराजमान थे। वाह कैसा जादू! उसकी पत्नी सिसिलिआ ने कहा। उन्होंने फ़ौरन वे जूते दुकान की काँच की आलमारी में सजा दिए क्योंकि छुट्टियों के बाज़ार का मौसम शुरू ही हुआ था। सौभाग्य से वे जूते नख़रेवाली मिस स्निगिंस को बिलकुल ठीक आए और उन्होंने इतने बढ़िया नाप के लिए दिल खोलकर पैसे दिये। उन पैसों से पीटर और चमड़ा ख़रीद लाया, जो दो जोड़ी जूतों के लिए काफ़ी था। उस शाम फिर से वह काम करने बैठा, उसने चमड़ा काटकर मेज़ के ऊपर उन टुकड़ों को छोड़ दिया और सोने चला गया। अच्छे डिज़ाइन की आशा में, वह जूतों के सपने लेता हुआ सो गया। अगली सवेरे, तड़के जब वह उठा, एक बार फिर उसकी नज़रों के सामने सजे थे दो जोड़ी ख़ूबसूरत जूते। इनको भी ख़रीददार तुरन्त ख़रीद ले गये, क्योंकि वे बेजोड़ थे। अब पीटर चार जोड़ी जूतों के लिए पर्याप्त चमड़ा ख़रीद लाया। यह जादुई क़िस्सा कुछ दिनों तक चलता रहा और पीटर मोची का नाम सबसे शानदार जूतों के लिए शहर में फैल गया! इन दिनों पीटर और सिसिलिआ का जीवन कहीं अधिक बेहतर हो गया। एक दिन सिसिलिआ ने कहा, \"कौन इतनी मेहनत करके \" हमारी सहायता कर रहा है? पीटर ने घोषणा की, \"आज रात \" हम अपनी कार्यशाला में छिपकर देखेंगे कि यहाँ क्या चलता है! और उन्होंने वही किया! ठीक आधी रात को दो छोटे बौने पंजों के बल अन्दर आकर काम में जुट गये। वे जल्दी-जल्दी सुन्दर जूते बनाने लगे! वे ख़ुद भी फटेहाल से थे, यहाँ तक कि उन्होंने जूते तक न पहन रखे थे। पौ फटने से पहले ही वे नौ दो ग्यारह हो गए। और छोड़ गये अगले दिन की बिक्री के लिए कई जोड़ी जूते। पीटर और सिसिलिआ इन नन्हें बौनों के प्रति आभारी थे और उनके लिए चिन्तित थे कि इतने सर्द मौसम में वे कितनी मेहनत कर रहे थे। तो पीटर काम में जुट गया। उसने दो जोड़ी नन्हें जूते बनाये और सिसिलिआ ने सिले उन दोनों के लिए दो जोड़ी ऊनी कपड़े। क्रिसमस की पूर्व-सन्ध्या चमड़े के टुकड़े रखने की बजाय उन्होंने नन्हें जूते और कपड़े बाहर सजा दिये और फिर अपने-आप छिप गए। आधी रात को, बौने एकाएक आ पहुँचे, उन्होंने नया सामान देखा और पलक झपकते ही वे चीज़ें उनके नन्हें शरीरों पर सज रही थीं! वे इतने ख़ुश हुए कि हँसते रहे, हँसते ही रहे और नाचते हुए खिड़की से बाहर चले गए फिर कभी न दिखाई देने के लिए। पीटर हर रोज़ जूते बनाने का काम करता रहा। वह और सिसिलिआ जीवन भर ख़ुशहाल और सन्तुष्ट रहे उन नन्हें बौनों की तरह! Illustrations: Charudatta Prabhu Desai Music & Art Direction: Holger Jetter Translation: Vandana Maheshwari Narration: Vandana Maheshwari Animation: BookBox

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