Oonderbhai, a mischievous little mouse, troubles Cheeku and Baa to no end. He nibbles at everything in the house. Something has to be done! घर में एक चूहा है, चिल्लाते हुए चीकू कुर्सी पर उछला। बा हँसने लगीं लेकिन उन्हें चिंता भी हुई कि कहीं चूहा घर की आलमारियों में घुसकर कपड़ों में सुराख न कर दे। चीकू ने चूहे का नाम उंदरभाई रख दिया और कहने लगा, यह छोटा, लेकिन मोटा है। चीकू और बा दोनों ने मिलकर चूहे को घर से खदेड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह बहुत चालाक निकला, हमेशा घर के किसी कोने में छिप जाया करता था। चीकू ने कहा, उंदरभाई बहुत साहसी प्राणी है, वह तंदुरुस्त और तेज़ है और आलमारी पर से हौदे में और हौदे पर से फ़र्श पर सर्कस के नट की तरह कूद सकता है। उंदरभाई अक्सर फ़र्श को खाने के टुकड़ों से गंदा कर दिया करता था, और बा यह देखकर उदास हो गर्इं कि वह कागज़ से लेकर कपड़ों व खाने तक को कुतर रहा है। बा ने चीकू से कहा, चूहों को पकड़ पाना बहुत मुश्किल है। वे जादूगर की तरह होते हैं जो पलभर में प्रकट होकर गायब हो जाते हैं। और जब वे घर में होते हैं तो खाना गायब हो जाता है। यह आश्चर्य की बात है कि किस तरह एक छोटा-सा प्राणी हमारे जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकता है! बा ने चीकू को घर के भंडारखाने में जाकर एक चूहेदानी खोजने को कहा। चीकू ने उसे खोज निकाला, लेकिन पकड़े जाने पर भी उंदरभाई किसी तरह भाग निकलने में हमेशा कामयाब हो जाते और फिर से अपनी शरारतें शुरू कर देते। इसलिए बा ने चीकू को एक नयी चूहेदानी लाने को कहा। उस रात बा ने घी में डूबी हुई एक रोटी को चूहेदानी के हुक में लगा दिया जिसकी महक से उंदरभाई खिंचे चले आए। इस बार उंदरभाई पकड़ लिए गए और भागने में कामयाब नहीं हो पाए। दूसरी सुबह, चीकू ने चूहेदानी की ओर जब देखा तो यह कहते हुए वह बा को पुकारने लगा कि, उंदरभाई ने रोटी खा ली और इतने मोटे हो गए हैं कि वे चूहेदानी से बाहर नहीं निकल सकते। बा और चीकू ने चूहेदानी में झाँक कर देखा। उनका ह्मदय तब पिघलने लगा जब उन्होंने देखा कि उंदरभाई अपनी काली-काली, भोली मनकेदार आँॅखों से उन्हीं की ओर देख रहे हैं। एक क्षण के लिए तो बा और चीकू ने यह महसूस किया कि वे उंदरभाई को मुक्त कर दें, लेकिन उन्होंने वैसा नहीं किया। दु:खी दिल से चीकू और बा चूहेदानी को लेकर पार्क में गए और उंदरभाई को प्रकृति माँ की गोद में वापस छोड़ दिया। Story: Esther David Illustrations: Emanuele Scanziani Music: Ladislav Brozman & Riccardo Carlotto Translation: Dinesh Pathak Narration: Vandana Maheshwari Animation: BookBox
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