पुण्यकोटि गाय Learn Hindi - Story for Children

Hindi   |   04m 50s   |   3.5k Views

Did Punyakoti keep her promise? Did she come back to the lion? Watch and find out \"Punyakoti, the Cow\" पुण्यकोटि गाय बुकबॉक्स द्वारा पुनर्कथित एक ग्वाला था। उसका नाम था कलिंग। पहाड़ के नज़दीक वो अपनी गायों के साथ बड़े सुख-चैन से रहता था। उसकी गायों में से एक थी पुण्यकोटि नाम की गाय। पुण्यकोटि को अपने बछड़े से बहुत लगाव था। शाम होते ही, अपने बछड़े से मिलने के लिए बैचेन वो रंभाती हुई घर की ओर दौड़ पड़ती थी। उसी पहाड़ पर एक शेर भी रहता था। एक बार बहुत दिनों तक उसे खाने को कुछ नहीं मिला। शिकार की तलाश में घूमते समय उसकी निगाह पुण्यकोटि पर पड़ी। उसे देख कर भूखा शेर गुर्रा कर बोला, \"आज मैं तुम्हें खाऊँगा।\" बड़े सम्मान के साथ पुण्यकोटि ने कहा, \"हे जंगल के राजा, मेरा भूखा बछड़ा, मेरा इंतज़ार कर रहा है। अपने बच्चे को दूध पिला कर, मैं तुम्हारे भोजन के लिए वापस आ जाऊँगी।\" पहले तो शेर ने उस पर कतई विश्वास नहीं किया, लेकिन उसकी बार-बार की प्रार्थना के सामने शेर पिघल गया, \"ठीक है, तुम पर विश्वास करके मैं तुम्हें जाने देता हूँ, लेकिन देखना, अपना वादा निभाना जरूर, कहीं ऐसा ना हो की जानवरों से मेरा भरोसा ही उठ जाए|\" पुण्यकोटि शेर को पूरा भरोसा दिला कर गोशाला आयी। बछड़े को दूध पिलाते समय उसने बाकी दूसरी गायों को भी ये बात बताई। सबकी आँखों से आँसू बहने लगे, लेकिन वादा आखिर वादा होता है। सबने पुण्यकोटि को भारी मन से विदा किया और उसे भरोसा दिलाया की वो उसके बछड़े का पूरा ध्यान रखेंगी। जाते जाते पुण्यकोटि अपने बछड़े से बोली, “बेटा, अब ये सब ही तुम्हारी माएं हैं, कभी इन्हें दुःख न पहुँचाना...।\" इसके आगे वह कुछ नहीं बोल सकी। चुपचाप पहाड़ की ओर चल दी। पुण्यकोटि जब शेर के पास पहुँची तो उसे विश्वास ही नहीं हुआ, क्योंकि शेर ने तो ये मान लिया था कि एक बार हाथ से निकला हुआ शिकार कभी भी लौट कर वापस नहीं आता। लेकिन यहाँ तो पुण्यकोटि उसके सामने खड़ी थी। शेर की आँखों में आंसू भर आये, उसने कहा, “हे पुण्यकोटि, तुम्हें प्रणाम! तुम्हें अपना आहार बनाना पाप होगा। बिना किसी डर के आराम से रहो। आज में तुमसे वादा करता हूँ की सिर्फ तुम ही नहीं, आज के बाद में किसी भी गाय का शिकार नहीं करूँगा।” पुण्यकोटि और शेर दोनों ने आँखों ही आँखों में एक दूसरे से विदा कहा और अपने-अपने रास्ते पर चल पड़े। Story: Rewritten by BookBox Illustration: Kallol Majumder Narration: Bhasker Mehta and Sweta SravanKumar (BookBox) Music: Rajesh Gilbert Animation: BookBox

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