दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 14

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दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें (लघु कथा-संग्रह ) 14-बेहिसाब महिमा ने अपनी बहू से इतनी मुहब्बत कर ली कि अपनी बेटी को भी एक तरफ़ कर दिया | उसका विवाह हो चुका था, महिमा सोचती कि बेटी अपने घर गई और अब बेटी के रूप में वाणी को भगवान ने भेज दिया है | बेटे को पहले ही घर से कोई लेना-देना नहीं था, जो कोई भी बात होती सब वाणी से पूछ लीजिए, उससे पूछकर ही हर बात की जाती | इसका हश्र यह हुआ कि वाणी पूरे घर पर अपनी हुकूमत चलाने लगी | महिमा के पति नवल इस बात से बहुत असहज