यह कैसी विडम्बना है - (अंतिम भाग)

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“जी हाँ मैम, मैं इस कॉलेज में इसीलिए आई हूँ ताकि अपने निर्दोष पति को इंसाफ़ दिला सकूँ। यह सच की लड़ाई है मैम और मुझे पूरा विश्वास है कि आप भी सच का ही साथ देंगी। मैम इतने अच्छे लड़के का जीवन क्या आप यूँ ही षड्यंत्र का शिकार होकर बर्बाद होने देंगी? उसने हमेशा अपने स्कूल और कॉलेज में टॉप किया है। लेकिन उसका दुर्भाग्य देखिए कि एक प्रतिष्ठित कॉलेज से उसे ग़लत आरोप लगा कर निकाल दिया गया। परिणाम स्वरुप अब वह एक छोटे से स्कूल में पढ़ा रहा है। मैम क्या इतने सबूत वैभव की बेगुनाही