उजाले की ओर –संस्मरण

  • 2.1k
  • 834

=================== "पता नहीं, आपकी उम्र तक हम कैसे रहेंगे ?" ये शब्द थे मेरे से बहुत छोटे मेरे मामा जी के बेटे यानि मेरे ममेरे भाई के | मैं जब भी उसे मिलती, मुझे वह उदास दिखता | कोई परेशानी तो दिखाई देती नहीं थी | कोई पैसे की तंगी हो या फिर कोई परिवार की परेशानी हो तो आदमी नकारात्मकता में जाने लगता है लेकिन जहाँ तक मुझे मालूम था, ऐसा तो कुछ था नहीं उसके परिवार में | मामा जी प्रतिष्ठित उद्योगपति थे, उन्होंने अपना एक्सपोर्ट का जमा-जमाया व्यापार अपने बेटे के हाथ में दे दिया था| उसका