बेचारी ईडियट... !

(13)
  • 6.7k
  • 5
  • 2.5k

बेचारी ईडियट... ! ज़किया ज़ुबैरी (1) लाल पीली और नीली रौशनियाँ... गोल गोल छोटे बड़े रंगीन शीशे के चहुं ओर लटकते हुए कुमकुमे... कमरे में बैठे सभी पुरुषों एवं महिलाओं के जीवट ठहाके... और उनके कपड़ों में बस दो ही रंग मुख्य रूप से उभरते दिखाई दे रहे थे... लाल और काला ! औरतों के लाल ब्लाउज़, तिकोने नीचे कट वाले गले जो औरतों के औरत होने की भरपूर गवाही दे रहे थे। कूल्हों पर फंसी हुई स्कर्ट... बस लाल और काले ड्रेस। पुरुषों के काले सूट जो कि ख़ुशी और ग़म दोनों अवसरों पर पहन लिये जाते हैं। गले

Full Novel

1

बेचारी ईडियट... ! - 1

बेचारी ईडियट... ! ज़किया ज़ुबैरी (1) लाल पीली और नीली रौशनियाँ... गोल गोल छोटे बड़े रंगीन शीशे के चहुं लटकते हुए कुमकुमे... कमरे में बैठे सभी पुरुषों एवं महिलाओं के जीवट ठहाके... और उनके कपड़ों में बस दो ही रंग मुख्य रूप से उभरते दिखाई दे रहे थे... लाल और काला ! औरतों के लाल ब्लाउज़, तिकोने नीचे कट वाले गले जो औरतों के औरत होने की भरपूर गवाही दे रहे थे। कूल्हों पर फंसी हुई स्कर्ट... बस लाल और काले ड्रेस। पुरुषों के काले सूट जो कि ख़ुशी और ग़म दोनों अवसरों पर पहन लिये जाते हैं। गले ...Read More

2

बेचारी ईडियट... ! - 2 - अंतिम भाग

बेचारी ईडियट... ! ज़किया ज़ुबैरी (2) जिम मार्शल छोटे से क़द का लाल टाई लगाए... यह लाल रंग की ही उसकी राजनीतिक पार्टी की प्रतीक थी वरना व्यवहार तो उसका नादिरशाह जैसा था। वो ग़ुस्से में दूसरी सड़क की ओर चल पड़ा। सड़क के बीचों-बीच आइलैंड था... टकराकर गिरते गिरते बचा...... परन्तु रेणुका उसे सँभालने के लिए वहां पहुँच चुकी थी। संभालना तो सभी चाहते थे पर रेणुका ने जिम मार्शल और दूसरे कार्यकर्ताओं के बीच ऐसी दीवार खींच दी थी की उसको फलांगना संभव नहीं था। कोशिश सभी करते पर रेणुका बीच में आ जाती। एम. पी. से निकटता ...Read More