दूरी न रहे कोई

(11)
  • 29.1k
  • 0
  • 10.5k

"क्या लेंगे आप?"तुम कौन हो?" दरमियाने कद की युवती को अपने साामने खड़ा देखकर राजन बोला था।"मैं इस बार मे नौकरी करती हूँ"वह औरत बोली,"वेटर हूँ।"औरत होकर बार मे वेटर?"राजन ने कहा तो दिया लेकिन उसे अपनी कही हुई बात ही अटपटी लगी थी।उसने औरतो को बहुत काम करते हुए देखा था।उसने यह भी सुना था कि औरते बार मे भी काम करने लगी है।उसे यह बात सच नही लगी थी।लेकिन आज अपनी आंखों से शराब सर्व करते देखकरअविश्वास करने की कोई बात ही नहीं थी।"क्या औरत के पेट नही होता?क्या औरत को भूख नही लगती?क्या औरत की ज़रूरते नही

Full Novel

1

दूरी न रहे कोई ( पार्ट 1)

"क्या लेंगे आप?""तुम कौन हो?" दरमियाने कद की युवती को अपने साामने खड़ा देखकर राजन बोला इस बार मे नौकरी करती हूँ"वह औरत बोली,"वेटर हूँ।""औरत होकर बार मे वेटर?"राजन ने कहा तो दिया लेकिन उसे अपनी कही हुई बात ही अटपटी लगी थी।उसने औरतो को बहुत काम करते हुए देखा था।उसने यह भी सुना था कि औरते बार मे भी काम करने लगी है।उसे यह बात सच नही लगी थी।लेकिन आज अपनी आंखों से शराब सर्व करते देखकरअविश्वास करने की कोई बात ही नहीं थी।"क्या औरत के पेट नही होता?क्या औरत को भूख नही लगती?क्या औरत की ज़रूरते नही ...Read More

2

दूरी न रहे कोई ( पार्ट 2 )

"ओ हो"राजन चाबी लेते हुए बोला,"चाबी वहां रह गई थी और मैं जेब मे ढूंढ रहा था।"राजन कार में हुए बोला,"आप भी आइए।"और इला कार में आ बैठी।इला के बैठते ही राजन ने कार स्टार्ट कर दी।"तुम्हारा घर कहाँ है?""इतने बड़े महानगर में मेरी जैसी गरीब औरत की कहाँ औकात है कि घर खरीद सकूं।""फिर रहती कहाँ हो?"राजन ने कार चलाते हुए एक नज़र उस पर डाली थी।"इसी बार मे रात काट लेती हूँ।""मतलब अकेली हो मुम्बई में?""हां।""माता पिता?""मेरी माँ वेश्या थी।एक आदमी के प्रेम के चक्कर मे पड़कर मेरा जन्म हुआ था।उस आदमी ने मेरी मां से शादी ...Read More

3

दूरी न रहे कोई ( पार्ट 3 )

"बोलो।""चाय पी लो।""तुम पी लो"राजन सोते हुए बोला"मैने तुम्हारे लिए भी बनाई है"और राजन को उठाना पड़ा।राजन चाय पीकर सो गया था।इला चाय पीकर कुछ देर बैठी रही।फिर वह बाथरूम में चली गई।कपडे तो वह लाई नही थी।राजन ने कहा और वह उसके साथ आ गयी थी।बाथरूम में जाकर उसने अपने शरीर से एक एक करके सारे कपडे उतार दिए।फिर शावर चलाकर उसके नीचे खड़ी हो गई।पानी की नन्ही नन्ही बूंदे उसके सिर पर गिरकर उसके गोरे, चिकने नंगे बदन पर फैलने लगी।काफी देर तक वह नहाती रही।वह तैयार होकर बैडरूम में आयी तब राजन जग रहा था"अरे तुम ...Read More

4

दूरी न रहे कोई (अंतिम क़िस्त)

"तुमने अपने बारे मे सब कुछ तो बता दीया था।फिर और क्या जानने के लिए रह गया था?"इला की सुनकर राजन बोला।"मैने तुम्हे जो बताया वो झूठ भी तो हो सकता था।तुम्हे इसकी जांच करनी चाहिए थी।""क्या यह ज़रूरी है?""औरत के बारे में ज्यादा जानने की ज़रूरत नही है।अगर----"अगर क्या?रुक क्यो गई।बताओ?"इला को बात अधूरी छोड़ते देखकर राजन ने पूछा था"अगर औरत के साथ एक रात गुज़ारनी हो।अगर उसे सिर्फ हमबिस्तर बनाने का इरादा हो तो उसके बारे में ज्यादा जानने की ज़रूरत नही होती।"इला,राजन की तरफ देखते हुए बोली,"मेरी कहानी सुनकर उस रात तुम मुझे अपने साथ घर ...Read More