इस कहानी का शीर्षक "बेताल पच्चीसी" है, जिसमें राजा पदमनाभ, साहूकार अर्थदत्त और उसकी बेटी अनंगमंजरी की त्रिकोणीय प्रेम कहानी है। अनंगमंजरी का विवाह मणिवर्मा से हुआ, जो उसे बहुत चाहता था, पर वह अपने पति से प्यार नहीं करती थी। एक दिन, अनंगमंजरी ने राजपुरोहित के बेटे कमलाकर को पसंद करने लगी। उसने चंडीदेवी से प्रार्थना की कि यदि इस जन्म में कमलाकर उसका पति नहीं हुआ, तो अगले जन्म में मिले। जब अनंगमंजरी आत्महत्या करने की कोशिश कर रही थी, उसकी सखी ने उसे कमलाकर से मिलवाने का आश्वासन दिया। मिलन के समय, खुशी में अनंगमंजरी की जान चली गई, जिसे देखकर कमलाकर भी मर गया। मणिवर्मा ने अपनी पत्नी को किसी और के साथ मरा देखकर दुखी होकर आत्महत्या कर ली। चारों ओर हाहाकार मच गया, लेकिन चंडीदेवी ने सभी को जीवित कर दिया। बेताल ने राजा से पूछा कि इन तीनों में सबसे ज्यादा विराग में अंधा कौन था। राजा ने कहा कि मणिवर्मा सबसे ज्यादा दुखी था क्योंकि उसने अपनी पत्नी को किसी और के साथ देखकर भी शोक किया। इस उत्तर के बाद बेताल फिर पेड़ पर लटक गया, और राजा को उसे फिर लाने के लिए जाना पड़ा। बेताल पच्चीसी - 21 by Somadeva in Hindi Short Stories 4.3k 3.7k Downloads 10.7k Views Writen by Somadeva Category Short Stories Read Full Story Download on Mobile Description विशाला नाम की नगरी में पदमनाभ नाम का राजा राज करता था। उसी नगर में अर्थदत्त नाम का एक साहूकार रहता था। अर्थदत्त के अनंगमंजरी नाम की एक सुन्दर कन्या थी। उसका विवाह साहूकार ने एक धनी साहूकार के पुत्र मणिवर्मा के साथ कर दिया। मणिवर्मा पत्नी को बहुत चाहता था, पर पत्नी उसे प्यार नहीं करती थी। एक बार मणिवर्मा कहीं गया। पीछे अनंगमंजरी की राजपुरोहित के लड़के कमलाकर पर निगाह पड़ी तो वह उसे चाहने लगी। पुरोहित का लड़का भी लड़की को चाहने लगा। अनंगमंजरी ने महल के बाग़ मे जाकर चंडीदेवी को प्रणाम कर कहा, यदि मुझे इस जन्म में कमलाकर पति के रूप में न मिले तो अगले जन्म में मिले। Novels बेताल पच्चीसी बहुत पुरानी बात है। धारा नगरी मे ने उसे मार डाला और स्वयं राजा बन बैठा। उसका राज्य दिनोंदिन बढ़ता गया और वह सारे जम्बूद्वीप का राजा बन बैठा। एक दिन उस... More Likes This उड़ान (1) by Asfal Ashok नौकरी by S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) by Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन by Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) by Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 by Soni shakya शनिवार की शपथ by Dhaval Chauhan More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories