अटल बिहारी वाजपेयी का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहाँ राजनीतिक नैतिकता और आदर्शों का ह्रास हो रहा है। वे 16 वर्ष की उम्र से राजनीति में सक्रिय थे और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने देश के प्रति समर्पित रहे। वाजपेयी ने चार दशकों तक सांसद के रूप में देश की सेवा की, हमेशा देशहित को प्राथमिकता दी। वाजपेयी ने नेहरू के बाद एक सर्वप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में पहचान बनाई। उनकी भाषाशैली में ओज, स्वभाव में शिष्टता, और शब्दों में सच्चाई थी। उन्होंने हमेशा सादगी को अपनाया और अपने जीवन में नैतिकता और सिद्धांतों का पालन किया। बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय, उन्होंने सही और गलत के बीच का फर्क समझाया, जो आज भी राजनीतिक नैतिकता का प्रतीक है। संयुक्त राष्ट्र में उनके प्रभावशाली भाषण ने "बसुधैव कुटुम्बकम" की भारतीय अवधारणा को पुनर्स्थापित किया, जिसमें उन्होंने बताया कि भारत हमेशा मैत्रीपूर्ण संबंधों की कामना करता है। 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण के दौरान, उन्होंने भारत को शक्तिशाली राष्ट्रों की श्रेणी में स्थापित किया और स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि स्वाभिमान था। 15 अगस्त 2003 को चंद्रयान-1 के सफल अभियान ने अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की उपलब्धियों को दर्शाया। वाजपेयी का योगदान भारतीय राजनीति और समाज में अमिट रहेगा। अटल बिहारी वाजपेयी by Vijayanand Singh in Hindi Motivational Stories 16 3.8k Downloads 10.4k Views Writen by Vijayanand Singh Category Motivational Stories Read Full Story Download on Mobile Description विषय - भारत के रत्न (GEMS OF INDIA)------------------------------ ------------------------------अटल बिहारी वाजपेयी------------------------------ ---घोर नैतिक क्षरण और राजनैतिक अधोपतन के इस कालखंड में पूर्व प्रधानमंत्री मा.अटल बिहारी वाजपेयी जी का जाना, भारतीय राजनीति का वह प्रस्थान बिंदु है, जहाँ से राजनीतिक चेतना अपना रास्ता बदल देती है, शालीनता की परंपराएं और मान्यताएँ अपने अर्थ खो देती हैं और समय, समाज और परिवेश से राजनीतिक शुचिता, मर्यादा और आदर्श का लोप हो जाता है, और चतुर्दिक अंधकार के सिवा कुछ भी नजर नहीं आता।राजनीति में अटल जी 16 वर्ष की उम्र से ही सक्रिय हो गये थे।ब्रिटिश शासन और दमन के प्रति उनके More Likes This शब्दों का बोझ by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग by Radhey Shreemali कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग) by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR काफला यूँ ही चलता रहा - 1 by Neeraj Sharma डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 2 by Miss Chhoti हर कदम एक नई जंग है - 1 by Sumit Sharma दया का महत्व by DINESH KUMAR KEER More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories