Swarg ke rakshas by Ved Prakash Tyagi in Hindi Short Stories PDF

स्वर्ग के राक्षस
by Ved Prakash Tyagi in Hindi Short Stories
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स्वर्ग के राक्षस “भैया मेरी बात मानो और अब धीरे धीरे अपना कारोबार श्रीनगर से समेट कर जम्मू में जमाना शुरू कर दो, जिस तरह यहाँ पर कट्टरवाद और आतंकवाद बढ़ रहा है कुछ दिन बाद हम पंडितों का ...Read Moreपर रहना मुश्किल हो जाएगा।”रमेश अपने बड़े भाई पंडित राजेश्वर से बात कर ही रहा था तभी हामिद मियां भी वहाँ पहुँच गए और दोनों भाइयों की वार्तालाप सुनने लगे।हामिद मियां का पंडित राजेश्वर के यहाँ बहुत आना जाना था, बच्चे भी उसको हामिद चाचा कहकर बुलाते थे।रमेश की बात काटते हुए हामिद ने कहा, “भाई आप क्या बातें कर Read Less