बात बस इतनी सी थी - 17 Dr kavita Tyagi द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Baat bus itni si thi by Dr kavita Tyagi in Hindi Novels
माता-पिता की इकलौती संतान के रूप में कुल को आबाद रखने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ढोता हुआ मैं अपने जीवन के चालीस बसंत पार कर चुका था, किंतु अभी तक मु...