Gavaksh - 36 by Pranava Bharti in Hindi Moral Stories PDF

गवाक्ष - 36

by Pranava Bharti Matrubharti Verified in Hindi Moral Stories

गवाक्ष 36== यकायक एक अन्य अद्भुत दृश्य उनके नेत्रों के समक्ष नाचने लगा उनके हस्तलिखित पृष्ठ ऊपर की ओर उड़ते तो रहे लेकिन नीचे ज़मीन पर नहीं आए। प्रोफ़ेसर का मस्तिष्क चकराने लगा, वे विश्वास करते थे यदि प्रकृति ...Read More