Ek Duniya Ajnabi - 5 by Pranava Bharti in Hindi Moral Stories PDF

एक दुनिया अजनबी - 5

by Pranava Bharti Matrubharti Verified in Hindi Moral Stories

एक दुनिया अजनबी 5-- वह उसके आगे खड़ा था, आँखों में आँसू भरे, अभी अभी उसके पैर छूए थे उसने| काफ़ी बुज़ुर्ग थीं वो , नीम के चौंतरे पर एक मूढ़ानुमा कुर्सी डाले बैठी थीं |उन्हें घेरकर छोटी-बड़ी उम्र ...Read More