DUNIYA MERI MUTTHI MEIN - 4 by Amar Kamble in Hindi Drama PDF

DUNIYA MERI MUTTHI MEIN - 4

by Amar Kamble Matrubharti Verified in Hindi Drama

करन ने फेंके हुए कांच के ग्लास के टुकड़े जोया के पास गिरे थें। जोया ने करन के कंधे पर हाथ रखकर कहा, “मैं तुम्हारा दर्द समझ सकती हूं।” करन ने कहा, “अब दर्द नहीं होता।” जोया ने पूछा, ...Read More