Daffodils - 2 by Pranava Bharti in Hindi Poems PDF

डेफोड़िल्स ! - 2

by Pranava Bharti Matrubharti Verified in Hindi Poems

6 - था कभी वो कभी एक घर हुआ करता था जिसमें से खनकती रहती थीं आवाज़ें कुछ ऐसे–जैसे चिल्लर खनकती है, बच्चों की गुल्लक में जैसे हवा की सनसनाहट खड़े करने लगती है रौंगटे स्फुरित होने लगता है ...Read More