Daffodils - 6 - Last Part by Pranava Bharti in Hindi Poems PDF

डेफोड़िल्स ! - 6 - अंतिम भाग

by Pranava Bharti Matrubharti Verified in Hindi Poems

66 - रुलाते क्यों ? क्यों रुलाते हो हँसते हुए चमन को चमेली सी हँसी में घोलते हो दुष्ट काले इरादे पकड़ते हो नहीं हो हाथ जो काँपते हैं विश्वास की भूमि पर रोपते हो कंटक क्या पाते हो ...Read More