Guldasta - 12 by Madhavi Marathe in Hindi Poems PDF

गुलदस्ता - 12

by Madhavi Marathe Matrubharti Verified in Hindi Poems

६८ सुना है काल की धारा में आदमी के स्वभाव में परिवर्तन आता है फिर भी कुछ आदमियों के हृदय से वीणा की झंकार नही सुनाई देती सितार की धुन उनके देह में नही लहराती मौन गले से , ...Read More