कहानी "प्रतिज्ञा" में देवकी अपनी बेटी प्रेमा के विवाह को लेकर चिंतित है। वह अपने पति से प्रेमा के लिए उपयुक्त वर ढूंढने का आग्रह करती है, लेकिन उसके पति बदरीप्रसाद इस विषय पर गंभीर नहीं हैं। देवकी प्रेमा की मानसिक स्थिति को लेकर चिंतित है, क्योंकि प्रेमा इस बात से बहुत दुखी है। देवकी का मानना है कि अगर प्रेमा के लिए कोई अच्छा वर नहीं मिला, तो वह अपनी जिंदगी एकाकी बिताएगी। प्रेमा ने यह स्पष्ट किया है कि वह विवाह नहीं करना चाहती और अकेली रहना चाहती है। इस स्थिति को देखकर देवकी परेशान है और अपने पति को समझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन बदरीप्रसाद की सोच इस मामले में अलग है। वह सामूहिक आयोजनों और सभाओं को बेकार समझते हैं और सिनेमा देखना पसंद करते हैं। उनका यह नजरिया कहानी के अन्य पात्रों के साथ टकराता है, जिससे परिवार में तनाव बढ़ता है। इस प्रकार, कहानी भावनाओं, पारिवारिक रिश्तों और सामाजिक अपेक्षाओं के बीच संघर्ष को दर्शाती है। प्रतिज्ञा अध्याय 1 by Munshi Premchand in Hindi Short Stories 13 4.9k Downloads 9.9k Views Writen by Munshi Premchand Category Short Stories Read Full Story Download on Mobile Description प्रतिज्ञा उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है। प्रतिज्ञा का नायक विधुर अमृतराय किसी विधवा से शादी करना चाहता है ताकि किसी नवयौवना का जीवन नष्ट न हो। ..। नायिका पूर्णा आश्रयहीन विधवा है। समाज के भूखे भेड़िये उसके संचय को तोड़ना चाहते हैं। उपन्यास में प्रेमचंद ने विधवा समस्या को नए रूप में प्रस्तुत किया है एवं विकल्प भी सुझाया है। बनारस में अमृतराय नामक सज्जन रहते हैं। वे पेशे से वकील हैं पर उन्हें वकालत से ज्यादा समाज - सेवा ही पसंद है, दाननाद उन्के मित्र हैं। अमृतराय का विवाह शहर के जाने माने रर्इस लाला बदरी प्रसाद की प्रथम पुत्री से होता है पर प्रसव - काल में ही उसकी और बच्चे की भी मौत हो जाती है। Novels प्रतिज्ञा प्रतिज्ञा उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है। प्रतिज्ञा का नायक विधुर अमृतराय किसी वि... More Likes This चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 by Sumit Sharma पुर्णिमा - भाग 1 by Soni shakya CM: The untold story - 2 by Ashvin acharya चालाक कौवा by falguni doshi My Shayari Book - 1 by Roshan baiplawat रंगीन कहानी - भाग 1 by Gadriya Boy तीन लघुकथाएं by Sandeep Tomar More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories