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નીલમ અને વીહાન એમ કહો કે એક જીસ્મ દો જાન, બન્નેનો પ્રેમ એટલે રાધા અને કાન્હાનો પ...
Introduction Resveratrol रेस्वेराट्रोल, a naturally occurring compound found in...
दीपेश हमेशा से ही अंधेरे से डरता था। बचपन में तो और भी ज्यादा डरता था, लेकिन उम्...
प्रकरण ९: श्यामचा प्रतिहल्ला चेतन, देशमुख आणि विक्रांत एका सुरक्षित ठिकाणी पोहोच...
అమ్మ మనసుఅక్షరాభ్యాసం అయిపోయింది కదా! ఎల్లుండి సప్తమి శుక్రవారం ఆరోజు బాగుంది చం...
रानी की बात सुन कर राधा को गुस्सा आता है और वो बोलती है, "तुम यहां पर क्या कर रह...
વાર્તા:- છેલ્લો કૉલવાર્તાકાર:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીનોંધ:- સત્યઘટના હોવાથી ઈન...
خزاں خزاں میں مرجھائے ہوئے پھولوں کے کھلنے کی توقع نہ کریں۔ جو چھوڑ گئے ہ...
मुझे आजभी याद हे, वो एक फोन कोलने मेरी पूरी झींदगी बदल दी थी।बदल क्या दी ,बचा ली...
किसी भी युग या समाज के अस्तित्व कि कल्पना ही नही की जा सकती है ब्रह्म भी बिना ना...
खबर नहीं शायद तुम्हे तेरे मेरे प्यार के पल वो अहसास गुजर रहे खबर नहीं तुम्हे शायद मगर ख्वाब प्यार के बिखर रहे है तुम्हे अहसास नहीं बहुत कुछ बदल रहा है रहते थे जिस अंदाज हम पहल...
----वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो----वो दोस्ती ही क्या जिसमें प्यार न हो ,वो सफलता ही क्या जिसमें इन्तजार न हो , दोस्ती तो दो आत्माओं का मिलन है ,पर वो दोस्ती ही क्या जिसमें...
।।। एकांत ।।। ................ सब ने देखा फूल सा खिलता सदा जिसका बदन । कोई क्या जाने कि वह कैसे जिया एकांत में ।। जिन लवों की बात सुन सब खिलखिलाते मस्त हो।...
૧. ગઝલ ઘડિયાળના કાંટા સાથે વિસરતો સમય,એમાં પુષ્પની મહેક સરીખો તારો પ્રણય. અલબત્ત ચિનગારી ઊઠી એ હૃદયના મયખાનામાં,આગને શમાવતો એમાં તારો જળપ્રલય. કે પ્રેમ ની પાંપણ નો તું એક ઝબકારો,ઝબ...
* जिंदगी किसी फिल्म से कम है क्या , किस मोड़ पर क्या होगा पता नहीं , अगर कुछ मिला नहीं इक क्षण पर कुछ घटा नहीं , मोड़ भी जिंदगी में रास्तों से ज़्यादा है , दुख चाहे कितने हों ह...
रात साक्षी है ‘रात साक्षी है’ डॉ० सूर्यपाल सिंह की कविता पुस्तक है। इसमें सीता के अन्तिम रात की कथा है। इसे छह खंडों में प्रस्तुत किया जा रहा है। प्रथम खंड प्रस्तुत है। कथा...
‘’रत्नावली’’ पर एक दृष्टि बद्री नारायण तिवारी आज वातानुकूलित कमरों में बैठ कर जो लिखा जा रहा है उसका क्षणिक प्रचार तो मिल जायेगा किन्तु वह रचनायें कालजयी नहीं हो पातीं। भक्तवत्...
प्रेम के विविध रूप हैं।यह दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास है।रात्रि में अंबर के चंद्र,तारे, बादल,आकाशगंगा की धवल पट्टिका,पूरी पृथ्वी में पसरी निस्तब्धता और चारों ओर फैली चांदनी..........
इज़ाज़त... आज मुझे ये शाम सजाने की इज़ाज़त दे दोदिल-ओ-जान तुम पर लुटानेकी इज़ाज़त दे दोमिले जो दर्द या मिले सुकून - कुबूल है हमेंकभी रिहा ना हो पाए वैसे क़ैद होनेकी इज़ाज़त दे दो क...
डेफोड़िल्स ! - 1 तेरे झरने से पहले समर्पित नेह को, स्नेह को डेफोड़िल्स ही क्यों ? यह प्रश्न अवश्य मस्तिष्क में आया होगा दिलो-दिमाग को सताया होगा आख़िर जब इतने खूबस...
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