Yakshini ek dayan book and story is written by Makvana Bhavek in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Yakshini ek dayan is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
यक्षिणी एक डायन - Novels
by Makvana Bhavek
in
Hindi Fiction Stories
रात के दो बज रहे थे और विराट मेघालय और असम बॉर्डर के बीच पड़ने वाली किशनोईनदी पार कर रहा था। दूर-दूर तक अंधेरा छाया हुआ था। एक गहरे सन्नाटे नेकिशनोई नदी को घेर के रखा हुआ था और उसी नदी के ऊपर काले बादल मंडरा रहे थे जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि किसी भी पल वह बरसने वाले है। नदी में घुटनों तक पानी था जो धीमी रफ्तार के साथ बहे जा रहा था।विराट के एक हाथ में मोबाइल का टॉर्च था तो दूसरे हाथ में साईकिल का हैंडल। विराट पैदल-पैदल मोबाइल के टॉर्च की रोशनी के सहारे नदी पार कर ही रहा था कि तभी उसका मोबाइल बजने लग जाता है।
रात के दो बज रहे थे और विराट मेघालय और असम बॉर्डर के बीच पड़ने वाली किशनोईनदी पार कर रहा था। दूर-दूर तक अंधेरा छाया हुआ था। एक गहरे सन्नाटे नेकिशनोई नदी को घेर के रखा हुआ था और ...Read Moreनदी के ऊपर काले बादल मंडरा रहे थे जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि किसी भी पल वह बरसने वाले है। नदी में घुटनों तक पानी था जो धीमी रफ्तार के साथ बहे जा रहा था।विराट के एक हाथ में मोबाइल का टॉर्च था तो दूसरे हाथ में साईकिल का हैंडल। विराट पैदल-पैदल मोबाइल के टॉर्च की रोशनी के
जगदीश फिर लेखक से पूछता है – "बताईए ना सर क्या अभिशाप मिला था यक्षिणी को?"लेखक जगदीश के सवाल का जवाब देते हुए कहता है – "वो जानने के लिए तुम्हें मेरी किताब के दूसरे भाग के आने का ...Read Moreकरना पड़ेगा समझे।""अच्छी मार्केटिंग स्ट्रेजी है सर किताब बेचने की।""वो तो होगी ही जगदीश, किताब बेचता हूँ और उस किताब के साथ अपने दर्द भी, तो उन आँसुओं के पैसे तो वसूलूंगा ही ना, बस एक बात दिमाग में रखना कोई भी इंसान बुरा नहीं होता उसे बुरा बनाया जाता है।""मतलब यक्षिणी बुरी नहीं थी उसे बुरा बनाया गया था
बूढ़ा युग के सवाल का जवाब देते हुए कहता है – "नहीं बिटुआ यक्षिणी अब मर्दो को अपना शिकार नहीं बनाती।""क्यों बाबा,क्या यक्षिणी यहाँ से चली गयी है जो अब वो अपना मर्दो को शिकार नहीं बनाती है?"वो बूढा ...Read Moreके पास जाते हुए कहता है – "वो गयी नहीं है, शांत हो गयी है।""शांत हो गयी है मतलब?""मतलब यह कि आज से तेरह साल पहले उस ग्रेव्यार्ड कोठी में एक लेखक बाबू रहते थे। उन लेखक बाबू को ही उस यक्षिणी ने अपना आखिरी शिकार बनाया था। तुम्हें पता है लेखक बाबू की किसी को लाश तक नहीं मिली
अभिमन्यु के हाथ में जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड मीटर था वो लगातार बजते जा रहा था। उसकी आवाज धीरे-धीरे तेज होते जा रही थी। युग इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड मीटर को देखते हुए कहता है – "यार ये इतना आवाज क्यों कर ...Read Moreहै, तु इसे बंद क्यों नहीं करता वरना जंगली जानवर जाग जाऐगें और यदि वो जाग गये तो भूत प्रेत हमे मारे या ना मारे लेकिन वो हमे जरूर मार डालेगें।" अभिमन्यु चिढ़ते हुए युग से कहता है – "युग तु तो ऐसे बोल रहा है जैसे मैं यह सब जान बूझकर कर रहा हूँ, ये डिवाईस अपने आप
युग डरते हुए अभिमन्यु से कहता है – "यार तुने आवाज सूनी?" अभिमन्यु हैरानी के साथ पूछता है – "कैसी आवाज?" "यार लड़की की आवाज।" अभिमन्यु चिढ़ते हुए कहता है – "यार ये तुने क्या जब ...Read Moreलड़की की आवाज लगाकर रखा है, जब से यहाँ पर आया है कह रहा है लड़की की आवाज-लड़की की आवाज, किस लड़की की आवाज की बात कर रहा है तू?" "यार, पता नहीं पर सच में मैंने दो-तीन बार किसी लड़की की आवाज सुनी।" "लगता है तेरे कान कुछ ज्यादा ही बज रहे है, ये बता तू रास्ते भर