What does Rani see on her first day of school? How does she feel? स्कूल का पहला दिन लेखन - शेरिल राव स्कूल में आज मेरा पहला दिन है। माँ मेरा हाथ पकड़े हुए हैं, और मेरे साथ चल रही हैं। मैंने माँ से कहा, \"मैं अब बड़ी हो गई हूँ।\" \"चलो रहने दो,\" ये कहते हुए माँ ने मेरा हाथ और कस के पकड़ लिया। स्कूल के पास बहुत सारे बच्चे हैं। कुछ बस से आते हैं। कुछ कार से आते हैं। कुछ रिक्शे से आते हैं। कुछ साईकल से और कुछ पैदल आते हैं, मेरी तरह। हम फाटक तक पहुँचे। माँ ने मेरा हाथ छोड़ दिया। वो गेट पर रुक गईं। अब मुझे अकेले अन्दर जाना है। मेरे चारों तरफ़ बहुत से अनजाने चेहरे हैं। मैं एक क़दम चलती हूँ। मैं दूसरा क़दम बढ़ाती हूँ। मैं पीछे मुड़कर देखती हूँ। जैसे मैं आगे बढ़ती जाती हूँ, माँ और छोटी दिखाई देने लगती हैं| कहीं वो गायब तो नहीं हो जाएँगी? मैं दौड़कर उनके पास जाती हूँ। अब मुझे नहीं लगता कि, मैं बड़ी हो चुकी हूँ। मैं उनका हाथ पकड़ती हूँ, और कहती हूँ, \"मत जाओ!\" सभी अंदर जा चुके हैं। सिर्फ मैं बाहर हूँ। टीचर दीदी बाहर आती हैं। वो मुझे देख मुस्कराती हैं। मैं भी मुस्कराती हूँ। माँ कहती हैं, \"रानी जब तुम बाहर आओगी, मैं यहीं मिलूँगी।\" मैं उनका हाथ छोड देती हूँ। वो हाथ हिलाती हैं। मैं दौड़कर अंदर जाती हूँ। अब मुझे पता है की माँ छुट्टी होने पर मुझे वहीं मिलेंगी। Story: Cheryl Rao Illustrations: Mayur Mistry Music: Rajesh Gilbert Narration: Neha Gargava Translation: Pratham Animation: BookBox
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