Love's pain heavy hand wrapped in death's breath books and stories free download online pdf in Hindi

मोत्त के अहोस् मे लिपटी प्यार की दर्द भारी दस्तान

मित्रो मेरा नाम रहमान है और मै उत्तर प्रदेश का रहने वाला हु | आज मै आपको मेरे मित्र के साथ घटी एक सच्ची घटना पेश करने जा रहा हु | मेरे मित्र का नाम वसीम है और हम बचपन से ही बहुत अच्छे दोस्त है और हमारी हर एक बात एक दुसरे से शेयर करते है | हम जब कॉलेज में आये थे तब उसकी सगाई हो गयी थी | वो उसकी मंगेतर से, जिसका नाम रेशमा था , से बहुत प्यार करता था और वो दोनों रात भर मोबाइल पर बाते करते रहते है | एक दिन की बात है उसने मुझे बताया कि वो उसकी मंगेतर से रात को बात कर रहा था | वसीम ने उसकी मंगेतर को मिलने के लिए बोला तो उसकी मंगेतर बदली हुई आवाज में बोली तू ज्यादा मत बोल वरना तेरको वही दफन कर दूंगी | वसीम एक बार तो ये सुनकर चौंक गया और फिर सोचा वो शायद मजाक कर रही होंगी | फिर वसीम भी उसको मजाक में बोला क्या कर लेगी तू मेरा, देखते है तो वो फिर बोली आज रात देख तेरे साथ क्या होता है | यह कहकर उसने मोबाइल रख दिया | अगली सुबह जब वसीम मुझसे मिला तो वो अपनी आप बीती बताने लगा | उसने मुझे रात को फ़ोन वाली बात बताई और उस रात उसके साथ जो हुआ वो बताया | उसने बताया कि रात को 2 -3 बजे के आस पास अचानक उसकी नींद खुली और उसके सामने एक सफ़ेद लम्बी दाढी वाला आदमी बैठा था | वो बोलने लगा ले आ गया मै अब देख तेरे साथ क्या होता है | उसने वसीम के गले को पकड़ लिया उपर मेरी साँसे रुक गयी | वसीम ने उसी वक्त अल्लाह का नाम लेते हुए नमाज पढना शुरू कर दिया और वो उसके सामने से गायब हो गया ” | मुझे उसकी बात सुनकर बड़ा अचम्भा हुआ कि ऐसे कैसे हो सकता है | उसके अगले दिन वसीम ने फिर अपनी मंगेतर से मोबाइल पर बात की और बोला कल रात तुम मुझे क्या अनाब शनाब बोल रही थी | उसकी मंगेतर ने कहा ऐसा कैसे हो सकता है जबकि कल तो मैंने फोन ही नहीं किया था | ये सुनकर वसीम के रौंगटे खड़े हो गए और उसने तुरंत फ़ोन काट दिया | उसी वक्त वसीम ने मुझे फ़ोन किया कि उसकी मंगेतर की तबीयत ख़राब है और कल उसके घर पर चलना है अगले दिन हम दोनों तैयार होकर वसीम की मगेतर के घर गए | वहा हमने दरवाज़ा खटखटाया तो उसकी मगेतर सामने खडी थी और बदली हुई आदमी की आवाज़ में बोली तू फिर आ गया ना , तूने अगर अंदर कदम रखा तो यही पर तेरा जनाज़ा निकाल दूँगा | वसीम बोला कि ये क्या बोल रही है तू | वसीम आगे था और जैसे ही उसने घर में कदम रखा उसकी मंगेतर ने दीवार पर टंगी तस्वीर उतारकर वसीम के सर पर दे मारी | उसके सर से खून बहने लग गया | वसीम के ससुर और सालो ने उसकी मंगेतर को पकडकर बिठाया | फिर उसके सालो ने वसीम के सर पर पट्टी बांधी | रेशमा के दादाजी ने बताया कि रेशमा को जिन्न का साया लग गया है | इस पर वसीम के ससुर ने उन्हें अपना मुह बंद रखने को कहा | थोड़ी देर रुककर हम वहा से सीधे अस्पताल जाकर ढंग से पट्टी करवाई | उसके अगले ही दिन मुझे वसीम का फ़ोन आया कि रेशमा की तबीयत बहुत खराब है और वो अस्पताल में भर्ती है | वसीम ने बाइक निकाली और हम दोनों जल्दी अस्पताल पहुचे | वहा पर पहुचते ही हमने डॉक्टर से रेशमा की हालत पहुची तो उसने बताया कि उसकी हालत बहुत नाजुक है कोई असली बीमारी का पता नहीं चल पा रहा है और उसके घर वालो को डॉक्टर ने रेशमा को घर ले जाने को कहा | सभी हैरान थे कि ऐसी क्या बीमारी है जिसका इलाज डॉक्टर के पास भी नहीं है | फिर उसके घर वाले रेशमा को घर ले आये | रेशमा ने वसीम को बुलाया और कहा कि मै अब ज्यादा दिन जिन्दा नहीं रह पाउंगी और तुम किसी अच्छी लडकी से शादी क्र लेना | ये सुनकर वसीम की आँखों में आसू आ गये और बोलने लगा कि मै तुम्हे मरने नहीं दूँगा | फिर रेशमा के दादाजी ने उसको पास ही के पीर बाबा के पास ले जाने को कहा | हम उसको पीर बाबा के पास ले गए और पीर बाबा ने बताया कि इसको एक बुरे जिन्न ने जकड़ लिया है जिसकी वजह से वो इसके शरीर को नुकसान पंहुचा रहा है अब बहुत देर हो गयी है | पीर बाबा ने बताया कि इसका एक ही इलाज है यहा से 80 किमी दूर एक दरगाह है वहा इसका इलाज हो सकता है | और बाबा ने बताया कि इसके साथ वही इन्सान जाएगा जिसे वो सबसे ज्यादा चाहती है | वसीम ने कहा कि मै चला जाऊँगा ,मुझे बाइक भी चलाने आती है | रात के तीन बजे वसीम और रेशमा दोनों बाइक पर निकल पड़े | लेकिन आधे घंटे बाद किसी का फ़ोन आया कि वसीम और रेशमा दोनों एक्सीडेंट में मारे गए | ये सुनकर मेरा रो रोकर बुरा हाल हो गया | मेरा सबसे करीबी दोस्त अब इस दुनिया में नहीं रहा |