Kya sach me tuje aage badhna hai - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

क्या सच में तुझे आगे बढ़ना है ... - भाग 3

दूसरों की सोच पे सोचकर
रूकना मत ...
सकारात्मकता के साथ
आगे बढ़ना ...!!

मैं खूद को बस इतना कहती रहती हूँ कि , चाहे कुछ भी हो , मुझे रूकना नहीं है .....!! और न कभी जिंदगी से हार माननी है ! मेरे सपने बहुत बड़े है , पर किसी को बताती नहीं हूँ । इतने बड़े है कि , अगर बताया तो लोग हंसेगे ही ... मैं सिर्फ अपना काम ही करती रहती हूँ और सकारात्मक
( positive) रहती हूँ ।


भगवान ने हमें इस दूनियाँ में कोई खास मकसद के लिए ही भेजा है ! और वह मकसद क्या है ? वो हमें ही पता करना होता है । जब तक हमारा मकसद पूरा नहीं होता है , तब तक प्रकृति हमारी रक्षा करती रहती है । मेरे साथ हुई कुछ घटनाएँ बताती हूँ , जिससे आपको सबकुछ समझ में आ जाएगा । मैं छोटे-मोटे हादसे से कही बार बची हूँ । लेकिन , " मौत " से दो बार ...!! मैंने बिलकुल करीब से , अपनी आंखों से मौत देखी है !!


पेहली बार तब , जब मैं 13 साल की बच्ची थी । उस वक़्त मैं तीन पहियेवाली रिक्शा से , (चलती हुई रिक्शा से) गिरनेवाली थी । अचानक , मुझे किसी ने पकड़ लिया ; या फिर क्या हुआ था समझ में नहीं आया , पर बच गई ! वरना ... मर गई होती । दूसरी बार मैं 2018 या 2019 की साल में .... पक्का याद नहीं है .... पर उस साल में फिर एक बार " मौत " से बची ...!! वो भी भयानक हादसे से .... !! तब , मैं और मेरा भाई शादी में बाइक से जा रहे थे । रास्ता भी बिलकुल सीधा ही था , फिर पता नहीं तेज़ी से हवा आयी और मुझे किसी ने खींचकर गिराने की कोशिश की हो एसा महसूस हुआ । मैं पीछे बैठी थी । पर , उसी क्षण मेरा हाथ किसी ने पकड़ लिया और मुझे गिरने से बचा लिया ! मेरा हाथ मेरे भाई के कंधे पर गया और मैंने उसका कंधा पकड़ लिया । मेरे भाई को तो कुछ पता ही नहीं चला था । कोई दिव्य शक्ति थी , जिसने मुझे बचाया , ये पक्का एहसास हुआ था । अगर , मैं गिरती तो पीछे से जो शादी की बस तेज़ी से आ रही थी , वो मेरे ऊपर चढ़ ही जाती और तब तो पक्का (100) मर ही जाती ...!! मुझे किसी ने खींचकर गिराने की कोशिश की थी , उस वक़्त भी । शायद कोई नकारात्मक ऊर्जा थी उस जगह पे ..!! पर मैं फिर एक बार बच गई ।


तब से ही सोच लिया कि, जब तक हमारा मकसद पूरा नहीं होता ! यानी कि , जिस वज़ह से इस दूनियाँ में आए हैं , वो काम पूरा नहीं होता तब तक हम मर नहीं सकतें । प्रकृति हमें बचाती ही रहती है ...!!


कहने का मतलब इतना ही है कि, भगवान ने किसी को फालतू नहीं बनाया है । हर इन्सान का दूनियाँ में आने के पीछे कोई न कोई मकसद जरूर होता है और वह मकसद को हमें खूद ही पहचानना होता है । और पूरा भी करना होता है । उसे पूरा करने में प्रकृति हमारी मदद जरूर करतीं हैं । इसीलिए , कभी भी हार नहीं माननी चाहिए । हंमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए ।


एक बात हंमेशा याद रखें; आपके जीने और मरने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है । आप किस हाल में है ,और कैसे जी रहे है ; यह सारी बातों पे कोई ध्यान नहीं देता है । खूद की मदद आपको खूद ही करनी होगी , तभी आगे बढोगे ....!!


~ PARI BORICHA 👍