Kya sach me tuje aage badhna hai - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

क्या सच में तुझे आगे बढ़ना है ... - भाग 4

जब आप खुद पे ध्यान दोंग,
तब दूनियाँ आप पे ध्यान देंगी ...!!

आपको अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर ही मेहनत करनी होगी । लेकिन, हाँ ! आप गलत दिशा में तो मेहनत नहीं करते हो , यह भी ध्यान रखें ! अपने सपनों के प्रति जिद्दी हो जाओ ,और संकल्प करो कि , मुझे किसी भी हाल में मेरा सपना पूरा करना है । फिर, चाहे कुछ भी हो जाए मुझे रुकना तो नहीं है और मन से तो मरते दम तक हारना नहीं है ।

कहीं लोग ये सोच रहे होंगे कि, ये सब बोलने और सुनने में ही अच्छा लगता है और " Motivation " भी कुछ वक़्त के लिए ही काम आती हैं; फिर तो वैसा का वैसा ही हो जाता है ।तो ये लोग बिलकुल सही सोच रहे हैं क्योकि , " Motivation " बहार से मिलती है और जो चीज बहार से मिले वो कुछ वक़्त तक ही सीमित होती है । तो फिर, आप सोच रहे होंगे कि, आपका कहने का मतलब क्या है ? तो चलिए जानते हैं :


मैं सबको यही कहना चाहती हूँ कि, " Motivation " से आप आगे बढेंगे नहीं ...!! अगर सच में आगे बढ़ना ही है , तो खुद को " Inspirate " करना शुरू कर दो । वो भी आज से ही । ये जो " Inspiration " होती हैं ना, वो बहार से नहीं आती ; न ही कभी बहार से मिलेगी । वो हमारे अंदर से, खूद की आत्मा से आती है ।और हंमेशा के लिए रहती है । इसकी कोई सीमा या समय नहीं होता । आप सोच रहे होंगे कि, अब ये "Inspiration " क्या है ? आप ये भी सोच रहे होंगे कि, "Inspiration " और " Motivation " दोनों शब्दों का अर्थ तो एक ही होता है - " प्रेरणा " । तो फिर ये अलग-अलग कैसे ? इसका जवाब Simple है Guys... कि , " Motivation " कुछ Time के लिए और दूसरो की देन ( दी हुई ) है, बहार से .. दूसरें इन्सान से मिलती है और जो चीज बहार, दूसरें इन्सान से मिले वो सीमित ही होती है, कुछ वक़्त के लिए ही होती है ; हंमेशा के लिए नहीं !! और जो " Inspiration " है , वो " आंतरिक प्रेरणा " है ... वह हमारे अंदर से , हमारी आत्मा से आती हैं । वह आत्मा के शब्द होते हैं, जो इन्सान को आगे बढाता है, आगे बढ़ने में मदद करता है । और जो " Motivation " है, वो " बाहरी प्रेरणा " है । " Inspiration " आत्मा- परमात्मा की देन हैं और " Motivation " इन्सानो की देन हैं । अब आप समझ ही गए होंगे कि, इन्सानो की देन ज्यादा टिकती है या प्रकृति- परमात्मा की देन !!

हमारी आत्मा ही परमात्मा है । और कोई ईश्वर है ही नहीं ...!! अपनी आत्मा की आवाज को सुनो और फिर आगे बढो । क्योकि, आत्मा की बात, आत्मा की आवाज कभी गलत हो ही नहीं सकती ... !! एक बात तो सच है कि, " जैसा हम सोचते हैं, वैसा ही हम बनते चले जाते हैं । तो अब हमारे हाथ में हैं कि, हमें सोचना कैसा है ? अच्छा या बुरा ! सकारात्मक या फिर नकारात्मक ! आप जैसा सोचेगे ; एक दिन वैसे ही बन जाओगे ... यह बात सत्य है ...!!

अच्छा देखो , अच्छा सोचो, अच्छा करो और खुद को
" Inspirate " करना शुरू करके आगे बढो... आप जरूर आगे बढ सकते हो... आप अपनी मंजिल को छू सकते हो ... आपके अंदर सबकुछ करने की काबिलियत है ... सिर्फ सोचने की देर है । कैसे आगे बढ़े ये सोचो और आगे बढ़ना शुरू कर दो ...
आज से ... अभी से ... 👍

Take care of yourself...🤘
Be positive and Happy 😊


~Pari Boricha ❤