वायु — ­­­­यह है हवा! Learn Hindi - Story for Children & Adults

Hindi   |   03m 31s

Cannot be seen. Cannot be heard. Does all the work. Without a word. Who can it be? वायु — ­­­­यह है हवा! कहानी - माधुरी पाई हर बार जब मैं गरम-गरम पानी से नहा चुकता हूँ, मेरा गीला बदन ठंडा-ठंडा महसूस करता है। कौन यह कर जाता है? वायु — ­­­­यह है हवा! मेरे प्याले का बहुत ही गरम-गरम दूध, झट से गटागट पीने लायक हो जाता है! कौन ऐसा कर देता है? वायु — ­­­­यह है हवा! खिड़की का पर्दा फर्-फर् उड़ता है, और, हौले से मेरे चेहरे को सहला जाता है। कौन ऐसा करता है? वायु — ­­­­यह है हवा! दूर मेघों में कड़कती बिजली, मेरी ओर आते ये काले-काले बादल । कौन इन्हें लाता है? वायु — ­­­­यह है हवा! झूमती ये डालियाँ, फरफराते पत्ते धीमे से झरते हैं फूल । कौन यह कर गया? वायु — ­­­­यह है हवा! घर से दूर हम खेल रहे हैं, फिर भी, मुझे उन मिठाइयों की खुशबू आ रही है, जो माँ बना रही हैं. कौन यह करता है? वायु — ­­­­यह है हवा! खिड़की पर रखा था कांच का गिलास, ज़मीन पर गिर कर चूर-चूर हो गया । भाग्य से, मैं तो वहाँ थी ही नहीं! किसने की ये शैतानी? पक्का, यह थी वायु — ­­­­यह हवा! सीटी बजती है, रेलगाड़ी आने वाली है, मैं उसे देख भी नहीं पाती, पर उसका शोर सुनाई दे जाता है। कौन ऐसा करता है? वायु — ­­­­यह है हवा! जो न दिखाई देती है, न सुनाई देती है, बिन बोले, चुपचाप सारे काम कर जाती है। ऐसा कौन हो सकता है? बेशक, यह है हवा! Story: Madhuri Pai Illustrations: Rijuta Ghate Music: Jerry Silvester Vincent Translation: Archana Maheshwari Narration: Sweta Sravan Kumar (BookBox) Animation: BookBox

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