The King has a secret nobody should know. What can it be? राजा का राज़ एक संताली लोक कथा एक राजा था, जिसका बैल के कान वाला एक बेटा था। राजा को #कङङग्र्ङ! #कङङग्र्ङ! महल के एक गुप्त कमरे में छिपा कर रखता था। जल्द ही राजकुमार के मुंडन संस्कार का समय आया। राजा ने शाही नाई को बुलवा कर गुप्त रूप से विधि सम्पन्न करवा दी। कार्यक्रम के समाप्त होने के पश्चात् राजा ने नाई को अपने कमरे में बुलवाया #कङङग्र्ङ! \"कभी भी किसी को भी राजकुमार के कान के बारे में नहीं बतलाना। #कङङग्र्ङ! तो मैं तुम्हें काल कोठरी में फिकवा दूँगा।\" नाई ने वादा किया कि वह इसके बारे में किसी से एक शब्द भी नहीं कहेगा। लेकिन उसके पेट में कोई भी राज़ टिकता न था। दिन गुज़रते गए #कङङग्र्ङ! \"मुझे किसी को बताना ही होगा नहीं तो मेरा पेट फट जाएगा!\" नाई ने सोचा। तभी उसके दिमाग़ में एक शानदार विचार कौंधा। वह एक पुराने पेड़ के पास गया #कङङग्र्ङ! #कङङग्र्ङ! पेड़ के कान में फुसफुसा दिया। तुरंत ही #कङङग्र्ङ! #कङङग्र्ङ! #कङङग्र्ङ! \"यह पेड़ राजा के इस राज़ को ज़रूर गुप्त रखेगा,\" नाई ने अपने-आप से कहा। कुछ दिनों के बाद एक ढोलकिया एक नई ढोलक बनाने के लिए #कङङग्र्ङ! वहाँ आया। वह ठीक उसी पेड़ के सामने #कङङग्र्ङ! जिसे उस नाई ने अपना राज़ बताया था। \"यह ठीक वैसा ही है जिसकी तलाश में मैं था!\" #कङङग्र्ङ! #कङङग्र्ङ! #कङङग्र्ङ! एक नयी ढोलक बना ली #कङङग्र्ङ! गाने के लिए गया। सन्तरी #कङङग्र्ङ! \"राजा को खुश करने के लिए कुछ गाओ, #कङङग्र्ङ! रक्षक ने कहा। #ग़्ॠग्क? ढोलक अपने-आप ही गाने लगी। \"मेरे पास एक राज़ है जिसे किसी के भी कानों में नहीं पड़ना चाहिये। राजा के बेटे के बैल के कान हैं।\" सन्तरी ने जल्दी से ढोलक छीन ली #कङङग्र्ङ! चिल्लाते हुए बोला, \"कोई राजा के रहस्य नहीं उगल सकता! कोई तुम्हें पकड़ ले इससे पहले तुम भाग जाओ।\" मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। राजा ढोलकिया का गाना सुन चुका था #कङङग्र्ङ! #कङङग्र्ङ! #कङङग्र्ङ! बेचारे को घसीट कर दरबार में लाया गया। \"इसे काल-कोठरी में फेंक दो!\" राजा गरजा। \"मगर यह नहीं, वह तो इसकी ढोलक थी महाराज।\" सन्तरी ने कहा। \"तो इस ढोलक को भी काल-कोठरी में फेंक दो #कङङग्र्ङ! जिन्होंने मेरा राज़ सुन लिया है।\" राजा गुर्राया। वह इतना ज़्यादा गुस्से में था कि उसकी मूँछ हिलने लगी। सन्तरी साहस के साथ आगे बढ़ा। \"हे राजन्, तब तो यह बेहतर होगा कि आप अपने पूरे साम्राज्य को ही काल-कोठरी में फेंक दें। क्योंकि हम सब को #कङङग्र्ङ! पता चल गया है।\" राजा अवाक् रह गया। #कङङग्र्ङ! सबसे वि·ासनीय मंत्री की ओर देखा, \"क्या यह सच है?\" #कङङग्र्ङ! \"जी हाँ, महाराज। हमने कभी कुछ इस वजह से नहीं कहा क्योंकि हम #कङङग्र्ङ! #कङङग्र्ङ! राजा को शर्मिन्दगी महसूस हुई। इतनी बड़ी सच्चाई को कभी भी छिपा कर रखा नहीं जा सकता है। #कङङग्र्ङ! कि वह कितना क्रूर पिता था कि उसने #कङङग्र्ङ! इतने सालों तक छिपा कर रखा। #कङङग्र्ङ! छुट्टी की घोषणा कर दी। #कङङग्र्ङ! जुलूस का आयोजन किया #कङङग्र्ङ! #कङङग्र्ङ! सारे राज्य में घुमाया। बैल के कान होने के बावजूद सभी ने युवा राजकुमार का हाथ हिला-हिला कर जयजयकार किया। जुलूस के आगे-आगे था सन्तरी #कङङग्र्ङ! जो अपनी नयी ढोलक बजा रहा था। Narration: Vandana Maheswari Illustration: Emanuele Scanziani Music: Lidislav Brozman & Riccardo Carlotto Animation: BookBox Translation: PlanetRead
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