Without seeds there would be no food to eat or clothes to wear. Inspired by a real-life event, this is the story of a village that comes बीज बचाने वाले लेखिका - बीजल वच्छराजानी कपास उगाने वाले किसान बहुत चिंतित हैं। पिछले साल उनकी फसल बहुत ख़राब थी। अब गर्मी आ गई, ये कपास के बीज बोने का समय है। लेकिन उनके गाँव में स्थानीय और जैविक यानी ऑर्गैनिक बीज मिलना मुश्किल है। “करें तो क्या करें?” बिजय सोच में पड़ा है। “ये तो बहुत बड़ी समस्या है!” नबीता कहती है, “बाज़ार में बीजों की कीमतें बहुत ज़्यादा हैं!” “उन बीजों को कीटनाशक और रसायनों की भी ज़रूरत पड़ती है,” केतकी ने कहा। बिजय बोला, “हम ऐसे बीज चाहते हैं जो हमारे गाँव की मिट्टी में आसानी से उगें और हमारे मौसम के उपयुक्त हों।” नबीता और केतकी महिला किसानों के समूह का हिस्सा हैं। वे बैठकें आयोजित करती हैं। वे गाँव के मुखिया से भी मिलती हैं। वे किसानों के अन्य समूहों से भी बात करती हैं। “करें तो क्या करें?” सब सोच में पड़े हैं। “ये तो बहुत बड़ी समस्या है!” कई दिनों तक चली बातचीत के बाद, सब खुश दिखते हैं। नबीता ने कहा, “हम जानते हैं कि क्या करना है। कोई भी समस्या बहुत बड़ी नहीं होती, हम एक बैंक शुरू करेंगे!” बिजय ने पूछा, “एक बैंक हमारी मदद कैसे करेगा?” “पैसे वाला बैंक नहीं, बीजों का बैंक,” केतकी ने चहक कर कहा। किसान बीजों का बैंक शुरू करने के लिए इकट्ठा होते हैं। वे अपने घरों में रखे थोड़े से बीज लाकर बैंक में जमा करने लगते हैं। बीजों का बैंक एक साधारण बैंक की तरह ही काम करता है। लोग जैसे अपने पैसे जमा करने के लिए बैंक जाते हैं। ठीक वैसे ही बीजों के बैंक में, किसान बीज जमा करते हैं। पुराने बीज, स्थानीय बीज, जैविक या ऑर्गैनिक बीज कपास के बीज भिण्डी के बीज कद्दू के बीज धान के बीज अरहर की दाल के बीज जौ, अन्य अनाज के बीज जमा करने के लिए ढेर सारे बीज। सुमति ने बैंक से एक किलो कपास के बीज का ऋण लिया। नबीता ने उसके खाते में ध्यान से लिख लिया। कृपा ने एक किलो धान का बीज बैंक में जमा करा दिया। केतकी ने संभालकर उसे एक बर्तन में रख दिया। बीज बोए गए और पानी से सींचे भी गए, मॉनसून आया और चला गया। अब फसल काटने का समय है! किसानों को इस वर्ष कपास की अच्छी फसल मिली है। सुमति को फसल से ढेर सारे कपास के बीज मिलते हैं। बैंक में डेढ़ किलो कपास के बीज जमा करके, वह अपने बीज के ऋण को ब्याज़ के साथ चुकाती है। केतकी ध्यान से रजिस्टर में इसे लिख लेती है। नबीता ध्यान से बीजों को बर्तन में रखती है। बीज बैंक के पास अब बहुत सारे बीज हैं। अगले वर्ष के लिए बीज, उसके बाद के साल के लिए बीज और उसके बाद के साल के लिए भी! Author : Bijal Vachharajani Illustrations : Jayesh Sivan Translation : Sadaf Jafar Narration : Neha Gargava Music : Rajesh Gilbert Animation : BookBox
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