The girl's life is abandoned without dreams - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

The girl's life is abandoned without dreams - 1

"The girl's life is abandoned without dreams"

"लड़की का जीवन सपनों के बिना छोड़ दिया जाता है"

✍️ 🎼Navita 🎼 ✍️


🥀 Dedicated to 🌷


My lovely family

Specially my mother- in -law

My friends- Garry & me ..


Thanks to - Wr.Messi 🙏🙏


Also Dedicated to :

🤗 All world's Wonderful reader's 🤗


Cover page - Wr. Messi 🙏

📚 Book summary 📚


Hello everyone

मेरा पहला नावेल "नविता की कलम से" मे आप सब ने मुझे बहुत प्यार और प्रोत्साहन दिया। जिस से प्रेरित हो कर में अपना दूसरा नावेल

"The girl's life is abandoned without dreams"

"लड़की का जीवन सपनों के बिना छोड़ दिया जाता है"

लिख रही हूं। मुझे उम्मीद है कि मेरे सभी प्रिय पाठक मेरे इस नावेल को भी पसंद करेंगे।

इस नावेल मे मेंने कुछ अलग कहानियां लिखी है, जिस मे मैंने लड़कियों की स्थिति का वर्णन किया है। मेरे इस नावेल मे आप सब को लड़कियों के साथ हो रहे 'यौन शोषण' के बारे मे पढ़ने को मिलेगा। इस में हम पढ़ेंगे कि लड़कियों की बाहर से ज्यादा अपनों से सुरक्षा का करवाना ज़रूरी है। साथ ही इस में आप सब को लड़कियों का ख़ुद चुप रह कर अपना गुनहगार स्वयं बनाना, के बारे मे पढ़ने को भी मिलेगा।

नावेल की कहानियां, परिवार में खुशियों बनी रहें इसका ख़्याल कर ज़्यादातर लड़किया, अपने पर होते शोषण को अपने घर वालो से भी छुपा कर, चुप रहती है जो सब से बड़ी गलती होती है जैसे विषय से भी संबंधित है

मेरे इस नावेल मे आप को इन सब विषयों पर कुछ कहानियां पढ़ने को मिलेगी।

Noor presenting...

'नूर' वो लड़की है जो समाज की हर एक लड़की का प्रतिनिधित्व करती है।

"नूर" एक ऐसी लड़की है, जो वर्तमान समय में समाज की हर उस लड़की की स्थति को प्रदर्शित कर रही है, जिस के साथ कही ना कहीं कभी ग़लत हुआ हैं या हो रहा हैं l इस लिए मैं इस नावेल की प्रत्येक कहानी में "नूर" को ही हर लड़की को स्थति को प्रर्दशित कराने के इरादे से, कहानियों की नायिका लड़की के रूप में दिखा रही हूंl उम्मीद है आप सभी माननीय पाठकों को मेरा "नूर" करैक्टर को समझने में आसानी होगी।

मेरी इस नावेल में लिखित इन कहानियों के सभी पात्र, घटनाए एवं स्थान सभी काल्पनिक है,

इसका किसी भी धर्म, व्यक्ति, घटना एवं स्थान से कोई संबंध नहीं है। यदि ऐसा होता है, तो इसे मात्र एक संयोग कहा जाएगा।

मेरा इन कहानियों को लिखने का उद्देश्य किसी भी धर्म, जाति एवं व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं, अपितु लड़कियों को अपनी सुरक्षा खुद करने और दूसरों पर यकीन करने से पहले थोड़ी सावधानी बरतने जैसी सलाह देना मात्र है।

इस कहानियों के सभी अधिकार © (काॅपीराइट) लेखिका अर्थात मेरे, नविता, के लिए सुरक्षित हैं। इन कहानियों, इनके किसी अंश या किसी भी पात्र का किसी भी प्रकार कहीं वर्णन करने अथवा प्रकाशन से पूर्व मेरी अनुमति आवश्यक है।

इसका उलंघन करने की दशा में व्यक्ति/संस्था के विरुद्ध उचित वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

Novel को लिखने के लिए Wr.Messi जी ने मुझे प्रेरित किया ,जिसे में कभी नहीं भूल सकती l इस novel को लिख कर मुझे जितनी ख़ुशी हो रही है , उम्मीद है आप सब wonderful reader's को भी पढ़ने मे उतनी ख़ुशी होगी l


Happy reading ☺️

All lovely readers 😊😊



1. 🎼🎼 Noor 🎼🎼


Part -1


"रुक नूर भाग मत गिर जायेगी।
कहाँ जा रही है, नूर अब तो बड़ी हो गई हो, सुनती क्यों नहींl"

सबसे सुनहरा पल है बचपन
बीते कल का सुकून है बचपन।
बैर, द्वेष से कोसों दूर
कोई चिंता की न थी होड़
केवल खेल-खिलौने थे भाते,
दोस्तों संग खूब समय थे बिताते।
वो बचपन के खेल खूब याद आते।

नूर ५ साल की थी। जब मम्मी नूर के पीछे भागती-पकड़ती। तब नूर हरियाणा मे रहती थी। हर वक़्त शरारत करती, खेलती रहती।

हर रोज़ की तरह नूर के पापा दुकान जा रहे थे, जाते-जाते मम्मी को बोला "आज जीवनलाल का बेटा आयेगा।" जीवनलाल नूर के ताया जी थेl आज उसके ताया जी के बेटे श्याम को आना था। सब बहुत खुश थे, भैया आएंगे।
भैया पापा के साथ दुकान पर बैठा करेंगे और काम सीखेंगे।

नूर के पापा की कपड़ों की दुकान थी, उसके पापा को भी एक लड़के की ज़रूरत थी, तो भैया को अपने पास बुला लिया। नूर और उसके सभी बहन भाई छोटे थे।

तब उसे ज्यादा समझ नहीं थी, बस खेलना और मस्ती करना।रात को भैया आ गएl नूर के लिए मिठाई लेकर आयेl सब ख़ुश थे, रात को खाना खाया और भैया के साथ खेलने लगेl मम्मी ने आवाज़‌ लगायी "चलो सो जायो, बहुत देर हो गयीl" नूर मम्मी पास सोने के लिए जाने लगी, भैया बोले "चाची नूर मेरे पास सो जाएगी, आप छोटों को सँभाल लोl मम्मी ने नूर को भैया पास सोने को बोल दिया और, नूर और उसका बड़ा भाई पापा और भैया के साथ बेड पर सो गए। मम्मी छोटे भाई को लेकर खटिया पर सो गई।

अभी नूर थोड़ा सोई ही थी कि अचानक उसे कुछ अजीब सा एहसास हुआ। जो उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा थाl उसे कुछ समझ नहीं आ रहा थाl उसने थोड़ी सी आँखें खोली और बंद कर लीl किसी ने उसका हाथ पकड़ा हुआ था। नूर ने अपना हाथ छुड़वाना चाहा, परंतु छुड़वा नहीं पा रही थी। उसे बहुत‌ अजीब लग रहा थाl नूर ने अपना हाथ खींचा, पर उसका हाथ छूट नहीं रहा था। उसे कुछ समझ नही आया। फिर नूर कब सो गई, उसे पता ही नहीं चला।

अगले दिन सुबह उठी और अपने‌ हर रोज़ की तरह खेल खेलने लगी। श्याम भैया और पापा दुकान पर चले गएl रात को पापा और भैया दुकान से आये। खाना खाया‌ और सोने गए। आज फिर भाई ने नूर को अपने साथ सुला लियाl आज नूर सो नहीं पाया रही थी, उसे अजीब सा डर लग रहा था। फिर कब नूर को नींद आ गई , उसे पता ही नहीं चला।

आधी रात को नूर को फिर वही अजीब एहसास हुआ। नूर एक दम से जागी। उसने आँखें खोली और देखा कि कोई उसके हाथ को पकड़ कर, अपने गुप्त अंगों को सहला रहा था, ये सब श्याम भैया कर रहे थेl नूर को अच्छा नहीं लग रहा थाl उसने अपना हाथ छुड़वाने की कोशिश की, पर उसका हाथ छूटा नहीं। फिर कब उसे नींद आ गई, नूर को पता ही नहीं चला। उसने सुबह उठ कर मम्मी को बताना चाहा, परंतु उसकी बात पर उसकी मम्मी ने अपने काम में व्यस्त होने के कारण ध्यान ही नहीं दिया।

नूर अब भैया से डरने लगी थीl नूर श्याम भैया से दूर रहने लगीl पर श्याम भैया हर रोज़ नूर को अपने साथ सुला लेते, जो उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता थाl नूर ने मम्मी पापा को बोलना चाहा, पर उन्होंने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और वो अपने काम पर लगे रहे। नूर अब भैया से डरने लगी थी, उन्हें देख नूर दूर भागने लगी थी।

आख़िर एक दिन ताया जी का फ़ोन आया, और श्याम भैया को वापस बुला लिया। ये सुन कर नूर बहुत ख़ुश हुई और श्याम भैया के जाने के बाद, नूर पहले की तरह फिर खुल के ज़िंदगी जीने लगीl

पर नूर की जे कहानी यही ख़तम नहीं हुईl नूर अब बड़ी हो गई थी। जब उसे श्याम भैया के घर कुछ दिनों के लिए जाना था .....


To be continued....👉👉


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