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कल्युग की पांचाली - Novels
by Uday Veer
in
Hindi Women Focused
ऊषा चंदनपुर गांव की रहने वाली लड़की है, वो खूबसूरत और सुशील भी है| एक बार उसके गांव में अकाल पड़ जाता है, लोगों के पास खाने को कुछ भी नहीं होता है, खाने के लाले पड़े होते हैं, कहीं से किसी तरह लोग 2 जून की रोटी का इंतजाम करते हैं, और जब भी गांव में किसी की लडकी की शादी होती है, तो उस घर वालों का महीनों का खाने का इंतजाम हो जाता है, क्योंकि इस गांव का एक नियम है, कि जब किसी की लड़की की शादी होती है, तो लड़के के घर बालों द्वारा लड़की
ऊषा चंदनपुर गांव की रहने वाली लड़की है, वो खूबसूरत और सुशील भी है| एक बार उसके गांव में अकाल पड़ जाता है, लोगों के पास खाने को कुछ भी नहीं होता है, खाने के लाले पड़े होते हैं, ...Read Moreसे किसी तरह लोग 2 जून की रोटी का इंतजाम करते हैं, और जब भी गांव में किसी की लडकी की शादी होती है, तो उस घर वालों का महीनों का खाने का इंतजाम हो जाता है, क्योंकि इस गांव का एक नियम है, कि जब किसी की लड़की की शादी होती है, तो लड़के के घर बालों द्वारा लड़की
ऊषा के कानों में सास की आवाज किसी धमाके की तरफ गूंजती है, वह किसी पत्थर की निष्प्राण प्रतिमा की तरह बैठी होती है पांचों लड्के ऊषा के गले मे मंगलसूत्र पहनाते हैं और सिंदूर लगाते हैं सास की ...Read Moreसे ऊषा कि तंद्रा भंग होती है, उसकी सास कहती है- सास:- आज से ये तुम पांचों की पत्नी है, और ये और एक-एक महीने तुम पाचों के साथ रहेगी, ऊषा पर जैसे कोई गाज गिरी हो, जैसे उसकी सोचने समझने की क्षमता ही खत्म हो गई हो, लेकिन कर भी क्या सकती थी, बेचारी मजबूर थी, और इस सबको
एक दिन ऊषा किसी काम में लगी होती है, और बच्ची जोर जोर से रो रही होती है, लेकिन कोई भी बच्ची को उठाकर गोद में नहीं लेता, जब बहुत देर हो जाती है तो ऊषा भागकर जाति है ...Read Moreदेखती है कि मां बेटे पास मे ही बैठे हुए होते हैं, बच्ची रो रही होती है, लेकिन उन लोगों पर इसका कोई असर नहीं होता, ऊषा अपनी बच्ची को गोद में उठाती है, और उन लोगों को कहर भरी नजरों से देखती है| एक दिन छोटा लड़का किसी काम से बाहर जा रहा होता है, तभी उसे किसी की