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जोग लिखी - Novels
by Sunita Bishnolia
in
Hindi Love Stories
जोग लिखी
‘‘बाऊजी आप फिर हुक्का गुड़गुड़ाने लगे कित्ती बार कहा कि जे तोहार सेहत के लिए ठीक ना है। ’’
‘अरी लाली, तू क्यों मेरे पीछे पड़ी है, अब जे लत आज की तो है ना जो छूट जाए। अब तो हमारे साथ ही जाएगी।’
‘‘ बाऊजी हम तो कह-कह के हार गए आपको … जो जी में आये करो, पर तनिक घर को भी देख लिया करों।’’
"अब का हम चौका बर्तन करें! ’’
" चौक-बर्तन ना करो….
"तो.. का करें तू ही बता दे. ..
" ये जो दरवाजे पर गांववालन के साथ हुक्के की बैठक जमाते हो ना उससे अच्छा है कुछ तो करो..घर में कोई काम की कमी है..
‘‘अरी बिटिया घर का कोई काम हमारे भरोसे थोड़े ही है, तोहार भाई-भौजी हमको कुछ करन देवे तब ना। अब कोई काम नहीं तो तुम हो बताओ हम ईहां ना बैठें तो का करें।’’
बाउजी की बात सुनकर लाली मुँह बनाते हुए बोली - " काम नहीं…. काम नहीं अब इस घर के भी सब काम हम ही बताएं ! तनिक अपने पोते - पोतियों पर के बारे में सोच लिया करो। बताइए.. का सोचे हैं ऊका बारे में। ’’
" किसका बारे में ....?"
जोग लिखी‘‘बाऊजी आप फिर हुक्का गुड़गुड़ाने लगे कित्ती बार कहा कि जे तोहार सेहत के लिए ठीक ना है। ’’ ‘अरी लाली, तू क्यों मेरे पीछे पड़ी है, अब जे लत आज की तो है ना जो छूट जाए। ...Read Moreतो हमारे साथ ही जाएगी।’‘‘ बाऊजी हम तो कह-कह के हार गए आपको … जो जी में आये करो, पर तनिक घर को भी देख लिया करों।’’"अब का हम चौका बर्तन करें! ’’ " चौक-बर्तन ना करो…."तो.. का करें तू ही बता दे. .. " ये जो दरवाजे पर गांववालन के साथ हुक्के की बैठक जमाते हो ना उससे अच्छा
बेटी लाली की बातें सुनकर अब बाबा को वास्तव में गुस्सा आ रहा था। उन्होंने हुक्के को कोने में रखा और बाहर जाते,-जाते बोले- ‘‘ तो का ई जिनावर को हँसने से भी रोक दें का? एक बात बता ...Read Moreतोहरी बिटिया नाही हँसती है का? " बाउजी की इस बात पर लाली बिल्कुल शांत हो गई थी क्योंकि इसके जवाब में उसके पास कुछ बोलने को नहीं था ‘‘सगुनिया के मुख पर हँसी बनाए ख़ातिर हम अउर ई के माई-बाबू पूरे पन्द्रह साल इका दूर रखे हैं खुद सेल, अउर दूर रखे है, हमार गलतियों की छाया से,फिर तू…
बुआ से मजाक करते हुए शगुन ने दादी की तरफ मुँह करके कहा - "दादी अभी हम पुतुल से बात कर रहे थे वो बता रही थी कि बुआ, फूफा जी को डाँट-फटकार कर आई है यहाँ पर ।’’ ...Read Moreक्या हम उनकी डाँट सुने....’’ मुँह फुलाकर बोलती हुई लाली बुआ के दिमाग की बत्ती अचानक जली और वो बोली- ‘‘तो तू पुतुलिया से बतिया रही थी।’’‘‘तो क्या?, आप क्या समझी?, आपके दामाद से बतिया रहे थे! अभी मिले नहीं, मिलते ही करवाते हैं आपसे बात ।’’ कहती हुई शगुन छत पर जाने के लिए सीढ़ियाँ चढ़ गई और उसकी
सागर और शंभू हैं तो भाई पर रहते हैं बिल्कुल दोस्तों की तरह। दोनों एक-दूसरे से कोई बात नहीं छिपाते पर आज बड़े भाई सागर के पास लड़की की तस्वीर देखकर शंभू को खुशी भी और आश्चर्य भी कि ...Read Moreसे कोर्सों दूर भागने वाले सागर भैया के लड़की की तस्वीर... शंभू बड़े भाई से इसी तस्वीर का राज जानने की कोशिशों में लगा था पर सागर भी कम नहीं वो शंभू से बोला - " गोर से देखो, पासपोर्ट साइज फोटो है।" "हाँ तो.. "" हमारे मकान मालिक की बेटी अंजलि की सहेली है। दो-तीन महीने पहले अंजलि कोई
नहीं रे....! हम उन दोनों को ढूंढ ही रहे थे कि देखा, एक लड़के ने इन पर फब्ती कसते हुए कहा - ‘बहुत कटीली नचनिया हो।’’ वो लड़का आगे कुछ कहता या भागता तब तक शगुन ने भागकर उसे ...Read Moreलिया और उसे थप्पड़ मारते हुए कहा- ‘‘हैं तो धोबिन भी, और अपने हाथों के हंटर से तुझ जैसों की धुलाई भी खूब करते हैं।’’‘‘क्या बात करते हो भइया!"‘‘हाँ रे सच! वो लड़का शगुन के इस अप्रत्याशित जवाब के लिए तैयार न था। वो कुछ बोलता इससे पहले शगुन ने उसे इतना कुछ सुनाया कि वो भाग गया।’’ इसलिए उस