school ki kuchh bhutiya yaadey books and stories free download online pdf in Hindi

स्कूल की कुछ भूतिया यादें

Actually मैं बचपन से ही boarding school में पढ़ा हूं । मैं कभी कभी सोचता हूं कि ये भूत प्रेत की बातें सही है जबकि मैं एक शिक्षत युवा हूं । लेकिन बहुत सी ऐसी बातें है जो मुझे यह फ़ालतू की चीजों के बारे में सोचने पर मजबूर करता है।
मैं जब 6 साल का था तब गांव में सिक्षा की अच्छी व्यवस्था ना होने के कारण में मैंने पास के शहर के boarding school में admission ले लिया ।आप को जान कर आश्चर्य होगा मैं उस हॉस्टल में रहने वाला पहला बच्चा था।तब में बच्चा था तो कुछ दिन प्रिंसिपल सर मेरे रूम में ही सोए ।स्कूल में डे टाइम बच्चो से भरा रहता था।कुछ दिन बाद प्रिंसिपल सर मेरे साथ सोना चोद दिया । अब में रूम में अकेले सोता था या यह कह सकते है ग्राउंड फ्लूोर पर अकेले ।एक दिन मुझे बहुत जोरों से टॉयलेट लगी तो मैं रूम से बाहर निकला और बॉथरूम की तरफ चला गया । बाथरूम स्कूल के खाली फील्ड के सामने था मैं जब बत्रूम की तरह बढ़ रहा था तभी मैंने देखा कि कोई आठ साल का लड़का फील्ड में अकेले आग जलाकर बैठा हुआ था। मैं innocent था इसलिए toilet करके उसके पास पहुंचे तो उसने मुझे बताया कि उसका घर यहां से थोडी दुर पर है ।मैंने पूछा घर क्यों नहीं गए हो इतनी रात को यहां क्या कर रहे हो ।तो उसने बताया उसके घर पर आग लग गई थी इसलिए वह यहां था ।मैंने कहा चलो मेरे साथ सो जाना तो उसने कहा नहीं मैं थोड़ी देर में यहां से चला जाऊंगा मेरे माता पिता मुझे लेने आते होंगे वो ही मुझे यहां छोड़ गया थे।इसलिए मैंने ज्यादा नहीं सोचा और सोने चला गया ।सुबह मुझे उस लड़के की याद आती है ।तब मैं अपने कुछ दोस्तो से पूछना चाहता था फिर मैंने कुछ सोचा और अं लोगो से नहीं पूछा। फिर मैंने स्कूल में काम करने वाली आंटी सी पूछा की आंटी रात में था कोई लड़का आग जलाकर बठा हुए था और उसने मुझे बतायकी उसके घर में आग लग गया था और उसके पापा उस लेने आ रहे है।पर आंटी रात को तो main gate band रखा होता है तो वो अंदर कैसे आया।तो उन्हों ने कहा कि लड़का उसका घर तो पास में ही है।तुम्हारे सोने के बाद मैंने ही उसे यहां लाया था पर हा यह बात किसी को मत बताना। मैं आखिर था तो बच्चा मैंने अपनी जिज्ञासा को रोक नहीं पाया ।मैंने अपने दोस्त रमन से इसके बारे में बता ही दिया।उस भी लगा आंटी झूठ बोल रही है।वो मुझ से भी ज्यादा जिज्ञासू था और इस वजह से वह मुझे लेके पहुंचा एक सीनियर भैया के पास जो उसके घर के पास रहते थे ।मैंने उनको पूरी बात बताई तो वो चौंक गए।बोले यार नीरज तुमने भूत देख लिया ।मैंने बोला भूत वो ही ना जो मर जाए और लोगो को परेशान करते है ।मैंने कहा वह भूत था।तो भैया ने बताना सुरु किया और बोला ये बात किसी पता नहीं चलना चाहिए ।उन्हों ने बताया वो लड़का तुमसे पहले हॉस्टल में रहता था और एक दिन उसे पता चला कि उसके घर में आग लग गई है ।वो बिना किसी को बताए अंधेरे में भाग रहा था अपने घर मा पापा से मिलने और अंधेरे में वो गिर गया और उसके सर से खूब खून निकला और रात में वो बहोश हो गया और सुबह होते होते उसका काफी खून बह चुका था।आंटी जब सुबह ऑफिस खोली तो वो बेहोश पड़ा था और अस्पताल के जाने में उसकी मौत हो गई ।और तब से उसका भूत इसी स्कूल। में है।आंटी तुम्हे ये सारी बात इसलिए नहीं बताए क्योंकि तुम डर सकते था ।और ये कहानी तो मैंने अपने सीनियर से सुनी थी।और तुमने सच में देख लिया ।अगले रात मुझे बहुत डर लग रहा था और मैंने एक बहुत डरावना सपना देखा और मै अगले दिन अपने पापा को कॉल कर बुलाया और फिर उनके सामने रो रो कर सारी बात सुन दी ।फिर उन्होंने मुझे स्कूल से निकाल दिया और दूसरे स्कूल में डाल दिया ।इस कई दिन बाद लगभग चार साल बाद मुझे प्ता चला कि कोई लड़का उस स्कूल में ज्यादा दिन नहीं रह पाता था।और कुछ के साथ तो बहुत h डरावनी घटनाओं हुई और मुझे खुद से ऐसे लगता है ये सच्ची थी।और भी कई लड़कों से मैंने बात की जो हॉस्टल में कुछ दिन रहे थे तो उन्होंने मुझे भी उस लड़के के बारे में बताया।और मुझे लगता है इतने लड़कों का यकीन झूठ नहीं हो सकता था ।या अगर एक बस नाटक था तो वह स्कूल में एडमिशन ही क्यों लेते थे।मुझे नहीं लगता कोई दूसरा आदमी ऐसे करेगा।