Mahila Purusho me takraav kyo ? - 39 books and stories free download online pdf in Hindi

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 39 - केतकी की मौत

अभय अपनी ड्यूटी जोइन करने के लिए रवाना हो गया । अभय की यूनिट भारत पाक की सीमा पर पूंछ राजोरी में तैनात थी । अभय ने जम्मू ट्रांजिट कैंप में रिपोर्ट की । द्वार पर खड़े प्रहरी ने कहा अपना सामान वही रख दो , और अपना पहचान पत्र व छुट्टी का कागज अपने हाथ मे लेकर छोटे गेट की तरफ आ जाओ । एक प्रहरी अपनी राइफल ताने खड़ा रहा और दूसरे ने अभय के शरीर की जांच पड़ताल की । जांच करने के बाद अभय को आगे बढने को कहा । फिर उसके बैग की जांच की गयी , और बैग को अपने साथ ले जाने को कहा । गैट के अंदर बैठे एक प्रहरी ने उसके कागज लेकर रजिस्टर में इंट्री की । इंट्री करने बाद अभय को कहा कि कल सुबह 4:00 बजे फालन होगा । आपको अपने कागजात मिल जायेंगे । अभय अपना सामान लेकर पास बनी बैरिक मे चला गया । अभय ने अपने फोन में जम्मू कश्मीर की सिम डाली तो पता चला वह बंद हो गयी है । उसे फिर से शुरू कराने के लिए कैंटीन के बणिये के पास गया । वही पर चाय पी ।
थोड़ी देर बाद उसकी सिम एक्टिव हो गयी । उसने घर पर फोन करके बताया कि जम्मू पहुंच गया हूँ । अभय के पापा ने बताया, कि बेटा बहु तो कल ही अपने मायके चली गयी है । उसका भाई लेने आगया था ।
अभय बोला ठीक है पापा ! अब मै तैयार होने जा रहा हूँ , और कल यूनिट के लिए रवाना होऊंगा ..प्रणाम पापा' कह कर फोन कट कर दिया ।
उधर केतकी अपने पीहर में पहुंच गयी थी । अब वहां से मुम्बई जाने के लिए तैयार हो रही थी । केतकी के पापा ने कुछ सामान को पार्सल के जरिये भेज दिया था । अब उनके पास लगेज ज्यादा नही था । वे सभी जयपुर से रेल के जरिये रवाना हो गये । अगले दिन अंधेरी मुम्बई मे अपने घर पहुंच गये । दो तीन महिने से घर बंद पड़ा था । फेक्ट्री से कुछ मजदूर बुलाकर सफाई करवाना शुरू कर दिया । उनके साथ साथ केतकी की मा व केतकी भी लग गयी । केतकी कुछ सामान हटा रही थी कि ..आss की चीख निकल गयी .. केतकी की गर्दन को सर्प ने काट लिया था..जब उसने पलटकर देखा तो एक सरिया उसे दिखाई दिया .. केतकी की मा ने कहा क्या हुआ ..केतकी बोली मॉ इस सरिये की नोक लग गयी .. केतकी की मॉ संतोष बोली ..तू बाहर बैठ.. और तेरे भाई से कह ..वह बाहर से चाय ले आयेगा ..नमकीन बिस्कुट अपने पास है ..केतकी बाहर आ गयी .. केतकी ने भाई से चाय के लिए कह दिया ..केतकी की गर्दन से हल्का खून आ गया था ..केतकी को अपनी गर्दन मे दर्द भी है और भारीपन सा लग रहा है । अंदर से मजदूर की आवाज आई ..सर्प ...सर्प ..थोड़ी देर मे ही सर्प को मार डाला गया. उधर केतकी को नींद आ रही थी वह दीवार का सहारा लेकर ही कभी आंख बंद करती है कभी खोलती है ..केतकी के पापा को शक हुआ कही, केतकी को सर्प ने तो नही काट लिया ? उसने केतकी की गर्दन को देखा.. वहा का भाग नीला पड़ गया था ..केतकी का पापा विजय जोर से बोला जल्दी से गाड़ी निकालो .. एक मजदूर जो गाड़ी चलाना जानता था ..उसने गाड़ी की चाबी मांगी ..केतकी के पापा ने चाबी दी .. गाड़ी स्टार्ट कर वह सामने दरवाजे के पास ले आया ..तुरंत केतकी को लेकर पास के अस्पताल पहुंचे .. डाक्टर ने पूछा, सर्प कैसा था .. ? एक मजदूर बड़ा समझदार था ..वह उस मरे सर्प को साथ ले आया था । सर्प को देखकर डाक्टर ने कहा ..हमारे पास इस सर्प का इंजेक्शन नही है ..उसने तुरंत फोन किया और कहा.. मरीज को वहां भेजेंगे तो देर हो जायेगी , आप यहां पर इंजेक्शन भिजवादे..डाक्टर ने कहा अभी दो तीन मिनट मे इंजेक्शन आ जायेगा .. तब तक डाक्टर वहां का जहर निकालने का प्रयास करने लगा .. इतने में ही केतकी को खून की उल्टी हुई और आंखे खुली की खुली रह गयी ..