Meri Yaado ki kitaab - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

मेरी यादों की किताब - भाग 2

"आज भी याद आती है वो महफ़िल और कुछ खास दोस्त, जिसके साथ बाते करते थे, मस्ती करते थे, समय के साथ बीत गया वो वक्त अब सिर्फ उन पलो की याद रह गई है।"


मुझे याद नहीं है! कब मैने अपने जन्मदिन पर केक काटा हो। शायद कभी नही.......अक्सर अपने जन्मदिन पर मेरे पापा की पसंद का खाना बनाती और ऐसे ही मजे कर लेते। पहली बार मेरा जन्मदिन केक काटकर सेलेब्रिट किया। मैने मना किया था फिर भी सर ने केक लाने को बोला, उन्होंने मुझे कहा की क्लास मे करेगे कोई और सर को नही बुलायेगे फिर मैने कुछ नही कहा...

अच्छा लग रहा था और दिल मे घबराहट भी हो रही थी। तब अजीत सर को मेरे पास खड़े देखा, ऐसा लगा की मेरा भाई मेरे साथ है। फिर केक काटा सर और बाकी सब को खिलाया, बाद मे फोटो खीचे, मेरा ये दिन बहोत खास रहा। मेरे brithday को special बनाने के लिए Thank you so much sir ❤

राजीव सर पहले चले गए थे। उसके बाद क्लासिस के मैनेजर ने अजीत सर का ट्रांसफर इंदौर कर दिया। 11 तारीख को join करना था। सर ने बोला था वो 6 तारीख को हम सबसे मिलकर जायेंगे पर वो 5 तारीख की रात को ही चले गए।

क्लासिस पूरे होने के कुछ दिन बाकी थे। सर को यू बीच मे छोड़कर जाना पड़ा इसबात से कहीं दोस्त की आँखों मे आँसू आये, उस दिन सर की आँखों मे भी आँसू आये थे। सब बहोत रोये थे। ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने शरीर के एक हिस्से को खुदसे दूर कर दिया हो।

अजीत सर और राजीव सर के जाने के बाद क्लासिस जाने का बिल्कुल मन नही था। मन उदास और आँखों मे नमी थी। फिर भी मे और ध्रुवी क्लासिस गए। वहाँ गए तो क्लासिस का माहौल अच्छा नही था। दुसरे सर अजीत सर के बारे मे बुरा बोल रहे थे। उनकी पर्सनल और प्रोफेसनल लाइफ को लेके ऐसी बाते बोल रहे थे जो उनको बोलनी नही चाहिए। वो सारी बाते सुनकर बहोत गुस्सा आया, मन कर रहा था कि सभी सर को अच्छे से जवाब दु।

वो दिन याद आता है तो अफ़सोस करती हु। सर के बारे मे बुरा बोल रहे थे तब हम सब चुप थे😞.....

एक बात हम बता देते है। अजीत सर और राजीव सर बहोत अच्छे थे। वो गुजरात के नहीं थे हमारी भाषा भी उनको आती नही थी। फिर भी उन्होंने सब अच्छे से समझाया और सिखाया है। सिर्फ किताबो का नहीं जीवन मे आगे बढ़ने का भी ज्ञान उन्होंने दिया है। टीचर नहीं पर सबके अच्छे दोस्त बनकर रहते थे। जो लोग उनके बारे मे बुरा बोलते है उनके साथ भी वो अच्छे बनकर रहते है।

आप कितने भी अच्छे हो, पर एक गलती करोगे तो आपकी सारी अच्छाई लोग भूल जायेंगे। अजीत सर के साथ भी यही हुआ था। उनकी गलती को याद रखा अच्छाई भूल गये। इसलिए सर को गलत बोलते।

इन तीन महीनों के क्लासिस मे बहोत कुछ मिला है। नये रिश्ते, नये दोस्त, और बहोत सारी अच्छी और बुरी यादें, जो हम कभी नहीं भुलेगे।

आज हम सब अपने अपने कामो मे लग गए है। कोई जॉब कर रहा है तो कोई सिख रहा है। हर कोई अपने फ्यूचर को सेट करने मे लगे है। कुछ दोस्त आज भी कॉनटेक्ट मे है उनसे बात होती है तो अच्छा लगता है।

कृपाली का पूरे क्लास मे घूमना और छोटी छोटी बातो पर रो देना, ध्रुवी का वो साथ, दक्षा की बाते, करीना की जेलेसि, प्रीति की मासुमियत, फ़ैज़ का गुस्सा, विवेक का क्लास मे आते ही सभी लड़कियों को "Good morning sibliyo" बोलना😅, दिया की बड़ी बड़ी बाते, अमिता बहन का डांस, रिज़ा की सुपर हिट ड्रॉइंग, आकाश भाई का सबमे आगे रहना, मितल बहन का कम मार्क आने से सर पर गुस्सा करना, राजीव सर के चश्मे का मजाक उड़ाना और अजीत सर का बोलते बोलते चुप हो जाना......

सब लोगो का एक अपना अपना अंदाज था। कभी झगडा किया, तो कभी साथमे मिलकर काम किया है। पर जैसे भी थे वो दिन खास थे। जिन्हे हम बहोत याद करते है।

सबको याद करती हु और सोचती हु काश हमसब फिर मिले। पुरानी यादों को फिर से ताजा करे।

फिर से काश वह तकदीर मिल जाये,
जिंदगी के वह हसीन पल मिल जाये,
बैठे चल फिर उस क्लास मे,
शायद वो दोस्त और वो दिन मिल जाये। ।
#Miss you All#
 
 
मेरी यादों की किताब की दूसरी कहानी के साथ फिर मिलुगी। तब तक आप खुश रहिये और अपने दोस्तों के साथ पुरानी यादों को ताजा करे।
शुभ भावना शुभ कामना
 
 
मेरी स्टोरी को रेटिंग जरूर दीजिये। 🙏
 
_Miss Chhotti