Contract Marriage - 6 books and stories free download online pdf in Hindi

कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 6

R&R Group एक सुनहरी अक्षरों में लिखा नेमप्लेट जो एक बड़ी सी बिल्डिंग के मेन गेट के बाउंड्री वॉल पर लिखा था, रणविजय सुबह के नौ बजे वो ऑफिस आया...

रणविजय के सेक्रेटरी विराज इस वक्त रणविजय के केबिन में था और आज के शेड्यूल बताते हुए कहा," सर ..आज सीनियर चेयरमैन मिस्टर रावत आपको लंच के लिए बुलाया है उसे आपसे कुछ बात करना है ...!!

रणविजय ने लैपटॉप से अपनी नजरें हटाकर विराज को देखा फिर कल रात की रिया कपूर कि बात याद आई , फिर उसने पूछा,"कुछ बताया किस बारे में बात करनी है ...????

विराज ने कहा अफसोस वाले भाव में,"नो सर चेयरमैन मिस्टर रावत ने कुछ भी नहीं कहा वो इतना ही बोले आज का लंच आपका रावत मेंशन में है और एक जरूरी काम है इसलिए दोपहर का मैं सभी मीटिंग्स केंसील कर दूं..!!

रणविजय ने आगे कुछ नहीं कहा वो मन में बड़बड़ाया ," मुझे लग रहा है मिस्टर रावत कोई सिरियस बात करना चाहता है अगर उसने शादी की बात पर जोर दिया तो
मैंने शादी कर ली है ये बात भी उसे नहीं बता सकता ये एक डील है अब क्या ....


सुबह दस बजे...

अक्षा अपने रिज्यूम को लेकर म्यूजिक युनिवर्सिटी गई उसने गाड़ी से उतरी और अंदर आई तो कुछ लड़के और लड़कियां गोल घेरे में थे ,अक्षा ने ध्यान नहीं दिया और अंदर आई तो एक प्यून से प्रिंसिपल ऑफिस पूछी

फिर प्यून ने कहा ,"मैं वहीं जा रहा हुं मेरे साथ चलो वो दोनों गये फिर प्यून दरवाजा नॉक किया और उसे अंदर आने कि इज्जत मिली फिर कुछ देर में बाहर आया और अक्षा को भेज दिया ..!!

अक्षा अंदर आते ही अभिवादन किया दोनों हाथ जोड़कर ,"नमस्ते सर ..!!

प्रिंसिपल ने पूछा,"क्या काम है..??

अक्षा ने अपने रिज्यूम और सीट अलाटमेंट की पेपर दिखाते हुए बोली,"सर मेरा नाम अक्षा देसाई है मैं बनारस गुरुकुल के पंडित मनोहर देसाई की पोती हुं मेरी रिजर्व सीट पर मैं संगीत सीखने आई हुं ..!!

प्रिंसिपल ने अपने इंटरकॉम फोन पर बोला ,"हेलो , पंडित रामामूर्ति जी आप मेरे केबिन में आइए .. फिर फोन डिस्कनेक्ट किया और अक्षा का रिज्यूम लेकर देखने लगा ....

दो मिनट बाद..

प्रिंसिपल का दरवाजा नॉक हुआ और अंदर आने को कहा तो पंडित रामामूर्ति आए..!!

प्रिंसिपल ने कहा,"पंडित जी ये न्यू स्टूडेंट अक्षा है ये रिजर्व सीट पर आई है बनारस के पंडित मनोहर देसाई की पोती है ..!!

पंडित रामामूर्ति अक्षा और उसके दादा का नाम सुनकर खुश हुआ और कुछ सवाल पूछने लगे..

इधर ....


रणविजय अपने पिता से मिलने आया उसके घर

मिस्टर रणधीर रावत एक हवेली जैसा घर जहां रणधीर रावत अपने परिवार के साथ रहता है , उसके परिवार में उसकी छोटी बहन रागिनी अपने दो बच्चों के साथ रहती है और पूरे घर पर इसका राज है सिर्फ रणधीर और रणविजय को छोड़कर ,रणधीर अपने पत्नी को बहुत पहले अलग हो चुका है और इसका कारण थी रागिनी ...

रणविजय जब रावत मेंशन आया तो रणधीर अपने व्हीलचेयर पर बैठे हुए आया और खुश होते हुए कहा ,"रणविजय आओ अपने डैड से गले लगो...

रणविजय का खास मुड नहीं और ना कोई खुशी थी अपने डैड को देखकर क्योंकि अपनी मां के लिए बहुत सहानुभूति वा झुकाव के वजह से वो अपने डैड के लिए मन में कड़वाहट हो चुकी थी लेकिन वो मजबूर था क्योंकि इस घर का वारिस और कंपनी के प्रति जिम्मेदारी के वजह से उसे रणधीर से मिलना और उसकी बातें सुनना जरूरी था ..

रणविजय ने कहा ,"क्या इसकी जरूरत है ..??

रणधीर रावत ने मुस्कुराते हुए कहा,"हां... क्योंकि जब आप यहां नहीं रहते हैं और हम आपको बुलाते हैं तभी आपका आना होता है इसलिए ...!!

रणविजय ने गले मिल रहे थे ...उसी समय



रागिनी ने कहा आते हुए ,"क्या बात है पिता पुत्र एक साथ ,आज भैया आप बहुत खुश लग रहे हैं रणविजय को देखकर ..!!

रणधीर रणविजय से अलग हुआ और बोला,"हां .. रागिनी , बेटा इतने दिनों के बाद आया है,बैठो रणविजय , उसने सोफे के तरफ इशारा करके कहा..!!


रागिनी ने कहा,"अच्छा है ...रणविजय बैठो आकर अपने डैड के पास सोफे पर...!!

रणविजय अपनी कठोर आंखों से रागिनी को देखकर फिर आगे कहा," मिस्टर रावत वो क्या सिरियस बात है आप कह सकते हैं !!

"रणविजय फिर मिस्टर रावत के सामने तीन चार की कदम के दुरी पर रखी सोफे पर बैठता है !!

मिस्टर रावत के पास आकर रागिनी बैठ जाती है फिर मिस्टर रावत कहते हैं," रणविजय मैं चाहता हूं तुम रियल स्टेट की बागडोर अब विक्रम (रागिनी का बेटा ) को दे दो और आप मेरी चेयरपर्सन का चेयर संभालों और जितने भी हमारी कंपनी देश विदेशों में फैला है उसे देखो मैंने पावर ऑफ अटॉर्नी तुम्हारे नाम पर शिफ्ट किया है और बिजनेस संघ को सूचित कर दिया है , दरसअल मेरे घुटनों पर अब प्रॉब्लम आ गई है और डॉक्टरों ने सलाह दिया है कि मुझे ट्रीटमेंट के साथ आराम की जरूरत है...!!

रणविजय ने बिना भाव के कहा,"ठीक है , लेकिन मैं दोनों जगह रियल एस्टेट और बाकी कंपनी को देख सकता हूं आप चाहें तो..!!

रणधीर ने रागिनी को देखा फिर जल्दी से कहा,"नहीं इसकी जरूरत नहीं है ,तुम सिर्फ मैं जो बोल रहा हुं वो करो ..!!

फिर रागिनी ने कहा,"भैया रणविजय की उम्र हो रही है तो
शादी का क्या ख्याल है..!!

रणधीर रावत ने कहा,"अच्छा हां, रणविजय मेरे दोस्त मिस्टर कपूर को तुम जानते हो उसने तुम्हारा रिश्ता मांगा है अपनी एकलौती बेटी रिया कपूर के लिए मैंने सोचने का वक्त मांगा है सिर्फ तुम्हारी रजामंदी जानने के लिए ..!!

रणविजय ने कहा सपाट शब्दों में,"मिस्टर रावत फिलहाल मुझे शादी में कोई इंट्रेस्ट नहीं है और ना रिया कपूर में तो प्लीज़ उनसे रिश्ते की बात केंसील कर दीजिए ..!!

रागिनी ने तुरंत कहा,"रणविजय तुम्हारे लाइफ में कोई गर्लफ्रेंड है या और कोई कारण है,जिसे सोचकर शादी नहीं करना चाहते हो ..??

रणविजय ने रागिनी से चिढ़ते हुए कहा ," आप हमेशा शादी की बात क्यो करती हो मुझे शादी नहीं करनी है...!!

रणधीर ने कहा ," रणविजय तुम्हारे लिए तुम्हारी बुआ परेशान रहती हैं और हम सब बहू को देखना चाहते है , तुम्हारा घर बस जाए , मैं भी तुम्हारे शादी के लिए सिरियस हुं, पिछले बार तुम लड़कियों के तस्वीर बिना देखे डस्टबीन में फेंक दिया और चले गए लेकिन इस बार नहीं, तुम्हारी बुआ ने रिया कपूर को पसंद किया है तुम मिल लो रिया कपूर से वो एकलौती बेटी है कपूर इंड्रस्टी की , इस बार मैं सिरियस हुं तुम्हारी शादी के लिए ....!!

रागिनी ने रणविजय को सोचते हुए देखकर बोली ,"रणविजय इस बार हां कह दो बेटा , बड़ी मुश्किल से एक अच्छी लड़की पसंद आई है ,बड़े घर की लड़की है ..!!

रणविजय ने रागिनी की उत्सुकता को भांपकर ," ठीक है .. मुझे समय चाहिए सोचने के लिए जब तक आप लोग कपूर से कोई भी बात नहीं करेंगें ,वो बोलकर खड़े हुआ और अपने कोट ठीक करने लगा..!!

रागिनी ने खुशी से कहा," रणविजय ने सोचने के लिए समय मांग रहा है इससे बड़ी बात और क्या है हम तैयार हैं ..!!

रणधीर ने कहा ,"ठीक है तुम जैसा चाहते हो वैसा ही करो पर जल्दी बता देना ,वो लोग भी इंतजार में हैं , रणधीर ने मायूस हो कर कहा ..!!


रणविजय ने कहा ," अब मैं चलता हूं ,मेरा लंच का समय हो रहा है , और जाने लगता है दरवाजे के तरफ ,,,, रणविजय जैसे ही दरवाजा के बाहर आता है और उसके नज़रें एक हैंडसम सा लड़के के ऊपर पड़ता है ,,
"वो लड़का भी अंदर आते रणविजय को देखकर,,,"हेलो बिग ब्रदर रणविजय ,,

रणविजय - अपने कठोर आंखों से देखते हुए थोड़ा नरम आवाज में बधाई देते हुए,, many - many cogratuletion विक्रम सिंह तुम्हें जिम्मेदारी मिल रही है रागिनी बुआ के कारण पर याद रखना मेरी नज़र हमेशा तुम पर रहेगी..