Wo Shyam Saloni book and story is written by Anshika in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Wo Shyam Saloni is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वो श्याम सलोनी - Novels
by Anshika
in
Hindi Love Stories
वो एकटक बगीचे के फूलों को निहार रही थी रंग रूप पर उसने कभी खुद से ध्यान ही नहीं दिया था क्योंकि उसने हमेशा अपने पापा से यही सुना था की बच्चे इंसान का मन साफ होना चाहिए रंग और खुबसूरती तो एक उम्र के बाद खत्म हो जाती है रह जाती है तो बस की सुंदरता! यही वजह थी की उसने लोगों की बातों को हमेशा इग्नोर किया था लेकिन आज उसे दर्द हो रहा था और साथ ही शिकायत भी उस ईश्वर से ! क्योंकी आज अपने सावले रंग की ही वजह से उसने उसे खो दिया था जो तब से उसके दिल में बसता था जब वो दसवीं में थी प्यार का मतलब भी नहीं सही से पता था लेकिन तब से वो आज तक उसके दिल में था और आज उसकी सगाई थी उसके प्यार की ! जिसकी खबर उसे गांव आते ही मिली और वो अब खुद को तैयार कर रही थी की कैसे उससे मिलेगी हिम्मत ही साथ नहीं दे रही थी दिल तो जैसे फटा जा रहा था लेकिन वो किसी से बोल भी तो नहीं पा रही थी और न ही कोई ऐसा था जिसके कंधे पर सिर रखकर वो रो सके इसलिए उसने अपने आंसुवो को पलकों में ही जब्त कर लिया ।और भरी आंखों से उस चांदनी के फूल पर हाथ फेरने लगी जिनमें अक्सर ही उसे कृष का अक्स नज़र आता था क्योंकी कृष को ये फूल बहुत पसंद थे! वो उन सबमें खोई ही थी की उसे आवाज सुनाई पड़ी आंगन से जो दिवाकर जी उसके पापा आवाज दे रहे थे।
वो एकटक बगीचे के फूलों को निहार रही थी रंग रूप पर उसने कभी खुद से ध्यान ही नहीं दिया था क्योंकि उसने हमेशा अपने पापा से यही सुना था की बच्चे इंसान का मन साफ होना चाहिए रंग ...Read Moreखुबसूरती तो एक उम्र के बाद खत्म हो जाती है रह जाती है तो बस की सुंदरता! यही वजह थी की उसने लोगों की बातों को हमेशा इग्नोर किया था लेकिन आज उसे दर्द हो रहा था और साथ ही शिकायत भी उस ईश्वर से ! क्योंकी आज अपने सावले रंग की ही वजह से उसने उसे खो दिया था
कृष के साथ शालनी अंदर आई तो देखा पूरा हॉल महमानो से भरा था सामने ही उसे सुमेश जी और रीमा जी दिख गए और उनके पास ही शालनी के पेरेंट्स भी थे तो वो पहले उनके पास चली ...Read More।" लो जी आ गई हमारी चांद का टुकड़ा हमारी होने वाली बहु "रीमा जी की नज़र सीढ़ियों से आ रही पीहू पर जैसे ही पड़ी वो मुसकुराते हुए बोल पड़ी। शालनी की नजरे भी उस ओर उठ गई नेवी ब्लू लहंगे में उसका गोरा रंग बहुत फब रहा था ! कृष की तो नजरे ही उससे नहीं हट रही
आज से कृष की शादी की रस्में शुरू हो गई थी पीहू अब उसके पास उसकी ज़िंदगी में हमेशा के लिए आने वाली थी और वो कितना खुश था ये उसके चेहरे पर चिपकी मुस्कान बता रही थी जो ...Read Moreका नाम ही नहीं ले रही थीं आज हल्दी की रश्म थी वो सुबह सोकर वर्क आउट से आया ही थी की उसका फोन बज उठा । पीहू का नाम देख उसकी मुस्कान गहरी हो गई उसने जल्दी से कॉल रिसीव किया।"हैपी हल्दी जान , मिसेज सिंह बनने के लिए आज से तैयार ही जाइए "उसने बहुत ही प्यार से
आज से कृष की शादी की रस्में शुरू हो गई थी पीहू अब उसके पास उसकी ज़िंदगी में हमेशा के लिए आने वाली थी और वो कितना खुश था ये उसके चेहरे पर चिपकी मुस्कान बता रही थी जो ...Read Moreका नाम ही नहीं ले रही थीं आज हल्दी की रश्म थी वो सुबह सोकर वर्क आउट से आया ही थी की उसका फोन बज उठा । पीहू का नाम देख उसकी मुस्कान गहरी हो गई उसने जल्दी से कॉल रिसीव किया।"हैपी हल्दी जान , मिसेज सिंह बनने के लिए आज से तैयार ही जाइए "उसने बहुत ही प्यार से