त्रियाची

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अंतरिक्ष में सबसे सुंदर ग्रह अगर कोई है तो शायद पृथ्वी ही है। यहां जीवन है और कई रंग भी है। अंतरिक्ष के कई रहस्य भी है। अभी यह पता नहीं है कि पृथ्वी के अलावा किसी ग्रह पर जीवन है या नहीं, परंतु किसी अन्य ग्रह पर जीवन होने की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है। पृथ्वी पर जीवन अपने हिसाब से चल रहा है परंतु पृथ्वी से कई प्रकाश वर्ष दूर एक ग्रह लगभग खत्म हो रहा था। उस ग्रह के खत्म होने का कोई कारण अब तक सामने नहीं आया था। अंतरिक्ष में एक ग्रह खत्म हो गया था इसका आभास पृथ्वी पर रहने वाले वैज्ञानिकों भी नहीं था। इस ग्रह का नाम था हिसारू। वैसे अंतरिक्ष की विशालता का अंदाजा तो आज तक कोई नहीं लगा पाया है। ऐसे में इस विशाल अंतरिक्ष में ना कितने ग्रह बनते हैं और खत्म भी हो जाते होंगे। अंतरिक्ष के किस ग्रह पर जीवन है और किस पर नहीं इस संबंध में भी कोई जानकारी नहीं है। हिसारू ग्रह के खत्म होने के बीच ही पृथ्वी पर भी कुछ अजीबो गरीब घटनाएं हो रही थी। क्या पृथ्वी पर होने वाली इन अजीब घटनाओं का हिसारू ग्रह के खत्म से कोई संबंध था। यह तो अभी पता नहीं था परंतु पृथ्वी पर होने वाली अजीब घटनाओं ने पूरी दुनियां को दहशत में ला दिया था और एलियंस जैसी बातों की संभावनाओं को बल मिलने लगा था। हालांकि एलियंस के होने में कितनी सच्चाई थी, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं था।

Full Novel

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त्रियाची - 1

भाग 1 अंतरिक्ष में सबसे सुंदर ग्रह अगर कोई है तो शायद पृथ्वी ही है। यहां जीवन है और रंग भी है। अंतरिक्ष के कई रहस्य भी है। अभी यह पता नहीं है कि पृथ्वी के अलावा किसी ग्रह पर जीवन है या नहीं, परंतु किसी अन्य ग्रह पर जीवन होने की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है। पृथ्वी पर जीवन अपने हिसाब से चल रहा है परंतु पृथ्वी से कई प्रकाश वर्ष दूर एक ग्रह लगभग खत्म हो रहा था। उस ग्रह के खत्म होने का कोई कारण अब तक सामने नहीं आया था। अंतरिक्ष ...Read More

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त्रियाची - 2

भाग 2 तुषार यूथ आइकॉन। बहुत ही कम उम्र में इसने बिजनेस में जो सफलता हासिल की है वो उम्र से दोगुने लोगों के लिए आज भी एक सपने से कम नहीं है। तुषार ने अपने बिजनेस ना सिर्फ भारत में बल्कि भारत के बाहर भी फैला दिया था। हालांकि बिजनेस की शुरूआत उसने अपने पिता के साथ की थी पर कंपनी में उसके आने के बाद और उसके डिसीजन के कारण ही उनका बिजनेस फैलता गया और भारत के बाहर भी पहुंच गया। बिजनेस में इसी सफलता ने तुषार को यूथ आइकॉन बना दिया है। बिजनेस में मिली ...Read More

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त्रियाची - 3

भाग 3 दूसरी ओर रॉनी आज कुछ दुखी था क्योंकि फाइट में लोगों का फेवरेट होने के कारण फाइट जाने के बाद भी उसे रूपए नहीं मिले थे। फाइट के बाद वो अपने घर आ गया था और सभी बच्चे सो गए थे। अगले कुछ दिनों में उसे मकान का किराया देने के साथ ही स्कूल जाने वाले बच्चों की फीस चुकानी थी और फिलहाल उसे कहीं से भी रूपए की व्यवस्था होती नजर नहीं आ रही थी। तभी उसकी गैंग के लोग भी वहां आ जाते हैं और लगभग सभी लोग रूपए न होने की बात रॉनी से ...Read More

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त्रियाची - 4

भाग 4 अनिकेत रोज की तरह एक्सरसाइज कर अपने घर आया था और जूस पीते हुए अखबार पढ़ रहा पुराना पुलिसकर्मी होने के कारण अपराध की खबरों में उसकी रूचि ज्यादा थी और वो आज भी वैसी ही खबरें पढ़ रहा था। तभी उसका मोबाइल बज उठता है। उसके पास अक्सर अंजान नंबर से ही कॉल आते थे, इसलिए उसने बिना किसी हिचक के फोन उठा लिया। अनिकेत- हैलो। कॉलर- अनिकेत कैसे हो ? आज एक्सरसाइज जल्दी खत्म हो गई लगता है, तभी आराम से अखबार पढ़ रहे थे। अनिकेत- कौन... कौन बोल रहा है ? इस दौरान अनिकेत ...Read More

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त्रियाची - 5

भाग 5 प्रणिता- कौन थे ये लोग ? रॉनी- तुम्हारा ही नाम प्रणिता है ? प्रणिता- हां तुम कैसे हो ? रॉनी- बस ऐसे ही। प्रणिता- और ये लोग कौन थे ? रॉनी- ये तुम्हारे लिए ही आए थे। प्रणिता- मेरे लिए ? रॉनी- हां, अगर तुम्हारा ही नाम प्रणिता है तो फिर ये लोग तुम्हारे लिए ही आए थे। प्रणिता- पर ये लोग है कौन और मैंने इनका क्या बिगाड़ा है ? रॉनी- ये विशेष धवन यानि वीडी के लोग थे। अब उसका तुमने क्या बिगाड़ा है वो तुम जानो। प्रणिता- वीडी का नाम सुनकर प्रणिता थोड़ा डर ...Read More

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त्रियाची - 6

भाग 6 यश- ये जो कुछ भी हो रहा है तुम्हारे कारण हो रहा है प्रणिता। प्रणिता- मेरे कारण मेरे कारण क्यों हो रहा है ? तुशार- तुमने उन डॉक्यूमेंट को चुराया और अब ये सब हो रहा है। प्रणिता- मुझे किसी ने मेरे हुनर के कारण काम दिया, उसका पैसा दिया। मैंने तो बस अपना काम किया है। यश- पर हो तो तुम ही सारी मुसीबत की जड़। प्रणिता- यहां सभी अपने-अपने कारणों से खड़े हैं। ठीक है मैंने डॉक्यूमेंट चुराए, पर तुमने इस मामले को तुल क्यों दिया, क्योंकि तुम्हें भी कहा गया था। अनिकेत ने मेरा ...Read More

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त्रियाची - 7

भाग 7 इतना कहने के साथ ही वीडी अनिकेत पर हमला कर देता है। तुषार और यश बीच बचाव लिए आते हैं पर वीडी में सच में इन सभी पर भारी पड़ रहा था। इसी बीच रॉनी और प्रणिता भी वहां आ जाते है। वो वहां आकर देखते हैं कि वीडी तुषार, अनिकेत और यश पर भारी पड़ रहा है। इस लड़ाई में अब रॉनी भी कूद जाता है। राधिका को जो अब तक एक ओर डरी सहमी खड़ी थी वो प्रणिता को देखकर उसके पास आस जाती है। रॉनी के आ जाने के बाद भी वीडी को कोई ...Read More

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त्रियाची - 8

भाग 8 मगोरा- ओह तो पृथ्वी पर कुछ भी नहीं बदला है। आज भी लोग यहां बीमार होते हैं, होते हैं और मर जाते हैं। इतने सालों के बाद भी ये पृथ्वी पर रहने वाले मानव कोई तरक्की नहीं कर सके हैं। खैर अब मगोरा यहां आ गया है तो इनकी सारी तरक्की यूं भी बेकार ही होना थी। क्योंकि पृथ्वी पर ऐसा कोई मानव नहीं है जो मगोरा का सामना कर सके। कुछ ही समय लगेगा मगोरा को राजा त्रियाची के आदेश का पालन करने में। मगोरा अपना काम खत्म करेगा और फिर यहां से चला जाएगा। मगोरा ...Read More

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त्रियाची - 9

भाग 9 मगोरा की तरह उन गोलों से निकले लोग अन्य गांवों में जाकर वहां के लोगों को अपना बनाने लगे थे। करीब दो महीने के अंदर ही आसपास के करीब 20 गांव मगोरा और उसके जैसे लोगों के गुलाम बन गए थे। मगोरा और बाकि के लोग ना सिर्फ गांव वालों से अपना काम करवाते थे, बल्कि जो लोग जवान थे उन लोगों को लड़ना भी सीखा रहे थे। इन गांवों में ये जो भी हो रहा था उससे हर कोई अंजान था, पर एक शख्स था जो इन बातों के बारे में ना सिर्फ जानता था बल्कि ...Read More

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त्रियाची - 10

भाग 10 सप्तक- ठीक है बाकि काम मैं कर दूंगा। रॉनी- क्या काम कर दोगे आप ? सप्तक- ये समय पर ही पता चलेगा रॉनी। रॉनी- आपको मेरा नाम कैसे पता ? सप्तक- सिर्फ तुम्हारा ही नहीं बल्कि मैं इन सभी के नाम भी जानता हूं और ये भी जानता हूं कि यहां आने से पहले तुम लोग क्या कर रहे थे और अपनी अब तक की जिंदगी में तुम लोगों ने क्या क्या किया है। अनिकेत- पर आपने अब तक अपना परिचय नहीं दिया, आप कौन है? वो कॉलर कौन था, क्या उसी ने आपको यहां भेजा है ...Read More

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त्रियाची - 11

भाग 11 सप्तक के साथ प्रणिता, रॉनी, यश, तुषार, राधिका, अनिकेत सब चलने लगते हैं। सप्तक उन्हें उस गांव ले जाता है जहां अब तक मगोरा अपना रूप बदलकर रह रहा था। कुछ ही समय में उस गांव का नजारा बदल चुका था। उस गांव के जवान लोग युद्ध का अभ्यास कर रहे थे और बुढे और औरतें एक ओर बैठे बस उन्हें देख रहे थे। अब कोई काम नहीं करता था। कभी संपन्न रहने वाला गांव अब उजाड़ सा नजर आने लगा था। उस गांव की आधी से ज्यादा आबादी मगोरा की गुलाम हो गई थी। सप्तक ने ...Read More

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त्रियाची - 12

भाग 12 सप्तक- ये एक अंतिम पड़ाव है। इसके बाद तुम लोग मानव जाति और धरती को बचाने के होने वाले युद्ध के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जाओगे। अनिकेत- पर यह सब क्या है सप्तक जी ? सप्तक- ये पंच तत्व है। जैसा कि अब आप सभी को ज्ञान है कि हमारा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है, जिसमें धरती, जल, वायु, अग्नि और नभ यानि की आकाश शामिल है। ये जो पांच चमकते गोले तुम्हें नजर आ रहे हैं ये उन्हीं पांच तत्वों के प्रतीक और शक्ति पूंज है। अब इन शक्तिपूंज को तुम लोगों ...Read More

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त्रियाची - 13

भाग 13 त्रियाची महल से निकल कर बाहर की ओर आ जाता है। वहीं सुक्रा सोच में गुम हो है। त्रियाची के पास एक सेवक आता है और कहता है राजे सेवक मगोरा आपसे मिलने के इच्छुक है। त्रियाची उसे राज महल में आने का कहकर राजमहल की ओर चल देता है। कुछ ही देर में मगोरा त्रियाची के सामने होता है। त्रियाची- आओ मगोरा हमें तुम्हारा बेसब्री से इंतजार था। बताओ क्या सूचना लेकर आए हो पृथ्वी से ? क्या पृथ्वी पर शक्तिपूंज है ? मगोरा- राजे धरती पर कदम रखते ही मुझे शक्तिपूंज के पृथ्वी पर होने ...Read More

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त्रियाची - 14

भाग 14 त्रियाची... त्रियाची देख ना तेरे बाबा को क्या हुआ है। यह त्रियाची की मां तूरा की आवाज तूरा त्रियाची को आवाज लगा रही थी क्योंकि त्रियाची के पिता दमीरा की तबीयत अचानक खराब हो गई थी और उनकी सांसे भी उखड़ रही थी। मां तूरा की आवाज सुनकर त्रियाची दौड़ता हुआ आता है और अपने पिता की हालत देखकर विचलित हो उठता है। स्वास्थ्य खराब होने के साथ ही वे काफी बूढ़े भी हो गए थे और आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया था। पति की मृत्यु के शोक में तूरा भी कुछ दिनों में दम तोड़ देती ...Read More

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त्रियाची - 15

भाग 15 सभी लोग एकत्र हो गए थे त्रियाची ने कहा- हम देख रहे हैं कि इस ग्रह पर भी पृथ्वी के मुकाबले अधिक सुखी है। तकनीक के बल पर हमने यहां मृत्यु को भी परास्त कर दिया है। यहां अब कभी कोई बूढ़ा नहीं होता है और ना ही कोई बीमार होता है। यहां भूख के लिए इधर-उधर भी भटकना नहीं पड़ता है। उसके बाद भी हम देख रहे हैं कि यहां समूह के मध्य से खुशियां गायब सी हो गई है इसका कारण क्या है हम जानना चाहते हैं ? समूह के कुछ लोगों ने राजा त्रियाची ...Read More

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त्रियाची - 16

भाग 16 एक ओर जहां त्रियाची पृथ्वी पर आने की तैयारी कर रहा था, वहीं मगोरा एक बार फिर पर आ चुका था। इस बार पृथ्वी पर आने के बाद उसे उस गांव का नजारा कुछ बदला हुआ सा लगा था, जहां उसने युवाओं का एक पूरा दल युद्ध के लिए तैयार किया था। इस बार उस गांव के युवा ना तो उसके बहकावे में आ रहे थे, बल्कि अपने पुराने कार्यों में भी लग गए थे। मगोरा को इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था कि बिना उसकी मर्जी के कोई कैसे उसकी शक्तियों से मानवों को ...Read More

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त्रियाची - 17

भाग 17 त्रियाची- मगोरा हमने तुम्हें पृथ्वी पर ही रहने का आदेश दिया था, फिर तुम त्राचा पर क्या रहे हो? मगोरा- क्षमा करें राजे, परंतु एक विशेष सूचना लेकर आया हूं। त्रियाची- ऐसी क्या सूचना है कि तुम्हें यहां आना पड़ा ? मगोरा- राजे जब मैं दोबारा पृथ्वी पर गया और वहां जाकर आपके आदेश का पालन कर रहा था तब हमारा सामना कुछ मानवों से हुआ। उनके पास कुछ विशेष शक्तियां थी। त्रियाची- कैसी विशेष शक्तियां ? मगोरा- राजे वो मानव जल, अग्नि और पृथ्वी की धूल, मिट्टी और पत्थरों को हथियार के रूप में प्रयोग कर ...Read More

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त्रियाची - 18

भाग 18 प्रणिता- क्यों अब तक तक तो हम आपके लिए बहुत खास थे। अब आपका आधा काम हो तो अब आपको हमारी जरूरत नहीं है। तुषार - हां युद्ध समाप्त हो गया तो अब इन्हें हमारी जरूरत क्यों होगी ? सप्तक- मुझे अब भी तुम लोगों की जरूरत है, परंतु अब जैसे तुम हो वैसे नहीं। जैसे पहले थे वैसे ही चाहिए। तुषार - अब हम लोगों में क्या बदल गया है ? सप्तक- सबसे पहले तो ये जान लो कि जिसे तुम लोग युद्ध कह रहे हो वो युद्ध का एक भाग भी नहीं था। असली युद्ध ...Read More

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त्रियाची - 19

भाग 19 अनिकेत- हम इस बात को विशेष ध्यान रखेंगे। सप्तक- ठीक है अब तुम लोग जा सकते हो युद्ध के लिए तैयारी करो। इसके बाद सभी वहां से चले जाते हैं। सप्तक और राधिका एक बार फिर उस मंदिर में चले जाते हैं। राधिका- आपको क्या लगता है सप्तक जी यह लोग युद्ध में जीत सकते हैं ? सप्तक- नियति के गर्भ में क्या छिपा है यह तो मैं नहीं जानता राधिका, परंतु इतना जानता हूं कि अगर ये लोग प्रयास करें तो जीत हो भी सकती है। हालांकि इनका शत्रु इनसे कही अधिक बलशाली है, फिर भी ...Read More

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त्रियाची - 20

भाग 20 प्रणिता- सप्तक ने जो बताया है उसके बाद मुझे कुछ डर लग रहा है। अनिकेत- इसमें डरने क्या बात है प्रणिता। हमारे मन में किसी बात का डर नहीं होना चाहिए। हम एक अच्छे काम को करने के लिए जा रहे हैं, इसलिए इस डर को अपने मन से हमेशा के लिए निकाल दो। रॉनी- हां प्रणिता मेरा अनुभव भी यही कहता है कि यदि आपके मन में डर है तो आप किसी भी क्षण कमजोर पड़ सकते हो। इसलिए इस डर को दूर कर दो। यश- प्रणिता का डर जायज है। तुम लोगों ने सुना नहीं ...Read More

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त्रियाची - 21

भाग 21 त्रियाची- वाह मगोरा वाह। तुमने तो हमारी उम्मीद से भी कहीं अधिक बड़ी मानवों की सेना तैयार ली है। मगोरा- कुछ दिनों का समय और मिला होता राजे तो यह संख्या दो गुनी या चार गुनी भी हो सकती थी। त्रियाची- कोई बात नहीं मगोरा। इतनी संख्या भी कम नहीं होती है। जब इतनी संख्या में मानव ही मानवों पर आक्रमण करेंगे तो साधारण मानव कुछ नहीं कर सकेंगे। इनके हाथों में हमारी तकनीक से बने हथियार इन्हें बहुत खतरनाक बना देते हैं। मगोरा- जी राजे। यह तो बिल्कुल सत्य है। त्रियाची- उन पांच मानवों के बारे ...Read More

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त्रियाची - 22

भाग 22 रॉनी यश से मानसिक तौर पर बात करते हुए उसे धरती पर आकाशीय बिजली गिराने के लिए है एक ओर से रॉनी उसे एक सटीक स्थान बताता है, दूसरी ओर से अनिकेत उसे एक स्थान बताता है, जहां बिजली गिराना थी। दोनों ही बिजली ऐसे स्थान पर गिराने के लिए कहा था कि जहां चमक और बिजली गिरने से होने वाले विस्फोट से मानव सेना को कम से कम नुकसान हो। यश अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए आकाश से उन दो स्थानों पर बिजली गिराता है। तेजी से धरती पर बिजली गिरने के कारण एक बहुत ...Read More

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त्रियाची - 23

भाग 23 यश- त्रियाची और उसकी सेना हमारे सामने हैं अब हमें क्या करना है ? प्रणिता- करना क्या सीधे इनसे मुकाबला करना है। तुषार - हां मुकाबला करो और उन्हें खत्म कर दो, तभी हमारा यह मिशन पूरा होगा। अनिकेत- नहीं इस तरह से नहीं। अगर हम सीधा उनका मुकाबला करेंगे तो वो लोग हम पर भारी पड़ सकते हैं। हम एक योजना बनाकर उन पर हमला करना होगा। प्रणिता- पर कैसी योजना ? वो हजारों में हैं और हम सिर्फ पांच है। रॉनी- अनिकेत सही कह रहा है उनकी संख्या ज्यादा है इसलिए हमें योजना बनाकर ही ...Read More

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त्रियाची - 24

भाग 24 त्रियाची- नया जीवन। हम हजारों साल पहले धरती छोड़कर गए थे और हजारों साल बाद भी हम ही है जितने पृथ्वी से गए थे। हमने अपनी एक नई दुनिया तो बना ली, परंतु नया जीवन विकसित नहीं कर सके। बहुत परिश्रम के बाद पता चला कि धरती पर वो शक्तिपूंज है, जो हमें नया जीवन दे सकता है। इसलिए मुझे वो शक्तिपूंज चाहिए। रॉनी- पर क्या तुम जानते हो तुम उस शक्तिपूंज के कारण पृथ्वी पर रहने वाले करोड़ों मानवों का जीवन खत्म कर रहे हो, धरती को खत्म कर रहे हो, जिस धरती पर तुम रहे ...Read More

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त्रियाची - 25

भाग 25 एक विनाशकारी युद्ध के बाद पृथ्वी अब शांत थी। इधर प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार अब होने के बाद भी सामान्य रूप से जीवन जी रहे थे। दूसरी ओर त्राचा ग्रह पर भी अब सब कुछ सामान्य था। प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार को जानकारी देते हुए त्राचा ग्रह के लोग पृथ्वी पर आते थे, यहां सामान्य जीवन जीते थे और फिर एक नए जीवन यानि कि अपने बच्चों के साथ फिर से त्राचा पर लौट जाते थे। त्रियाची भी पृथ्वी पर कुछ समय बीता चुका था और अब वो दो बच्चों का पिता बन ...Read More

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त्रियाची - 26

भाग 26 त्रियाची- अभी आई नहीं है परंतु कभी आ सकती है। यह परेशानी राजा त्रियाची को नहीं, पृथ्वीवासियों लिए है। मुझे आप सभी मतलब पूरी मानव जाति की चिंता हुई इस कारण मैं यहां चला आया। अनिकेत- पहले बात तो बताओ राजा त्रियाची, आखिर क्या है, जिसने तुम्हें इतनी चिंता में डाल रखा है। त्रियाची- मेरे गुप्तचरों से मुझे जानकारी मिली है कि अंतरिक्ष में एक ग्रह है ताशाबा और उसका राजा है तोशिबा। वो पिछले कई सालों से अंतरिक्ष की शक्तियों को प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था। उसने कुछ शक्तियों को हासिल भी कर लिया ...Read More

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त्रियाची - 27

भाग 27 इसके बाद सभी फिर से अपने काम पर लौट जाते हैं। दूसरी ओर त्राचा ग्रह पर त्रियाची के संबंध में कोई सूचना आने का इंतजार कर रहा था। हालांकि उसे बहुत अधिक इंतजार नहीं करना पड़ा क्योंकि कालबाहू एक नई सूचना लेकर त्रियाची से मिलने के लिए उसके महल जा पहुंचा था। त्रियाची- कालबाहू हमें तुम्हारा इंतजार था। बताओ तोशिबा के बारे में क्या सूचना लेकर आए हो ? कालबाहू- राजे सूचना मिली है कि तोशिबा ने 5 लाख लोगों की एक सेना तैयार की है। वो सीधे पृथ्वी पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर वहां से ...Read More

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त्रियाची - 28

भाग 28 त्रियाची- आप सभी यहां आए इसके लिए मैं और मेरे राज्य का हर व्यक्ति आपका आभारी है। करता हूं कि आपको हमारे राज्य में कोई असुविधा नहीं हुई होगी और जश्न में आपको काफी आनंद आया होगा। सप्तक- जी राजा त्रियाची इसके लिए हम सभी की ओर से मैं आपको धन्यवाद देता हूं। आपके राज्य का यह दिन हमें पूरे जीवन याद रहेगा। अनिकेत- जी, हां दिन तो ऐसे बीत गया कि पता ही नहीं चला। वैसे आपने अपने राज्य को बहुत खूबसूरती के साथ सजा रखा है। यहा का हर व्यक्ति ही आपके राज्य में कितना ...Read More

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त्रियाची - 29

भाग 29 उल्कापिंड का खतरा टल चुका था और अब सब कुछ देर आराम करने के बाद फिर से को लेकर चर्चा में व्यस्त हो गए थे। हालांकि प्रणिता, अनिकेता, रॉनी, यश, तुषार और त्रियाची जब युद्ध को लेकर चर्चा कर रहे थे तब भी सप्तक ध्यान में ही थे। उनके ध्यान को किसी ने नहीं तोड़ा था। हालांकि ध्यान में रहते हुए सप्तक के चेहरे पर गंभीरता के साथ चिंता के भाव भी नजर आ रहे थे। उनके चेहरे के बदलते भाव बता रहे थे कि भविष्य में जरूर कुछ होने वाला है। एक ओर जहां त्राचा ग्रह ...Read More

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त्रियाची - 30

भाग 30 दूसरी ओर त्रियाची की सेना के जासूस अंतरिक्ष में घूम रहे थे, ताकि उन्हें पता चल सके तोशिबा कब धरती की ओर आ रहा है। त्रियाची तक यह सूचना पहुंचाने का काम कालबाहू का था। कालबाहू को कुछ सूचना मिली थी और वह त्रियाची के महल की ओर चल पड़ा था। महल में सभी लोग युद्ध को लेकर चर्चा में व्यस्त थे। कालबाहू- राजे एक सूचना प्राप्त हुई है। त्रियाची- बताओ क्या सूचना है। कालबाहू- तोशिबा ने अपनी सेना को तैयार होने का आदेश दे दिया है। अनुमान है कि वे जल्द ही पृथ्वी की ओर कूचकर ...Read More

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त्रियाची - 31 - अंतिम भाग

भाग 31 त्राचा से बाशा ग्रह नजदीक होने के कारण त्रियाची, उसकी सेना और ये पांच योद्धा पहले पहुंच थे। अब उनको इंतजार था तोशिबा और उसकी सेना के इस ग्रह के नजदीक से गुजरने का। हालांकि उन सभी को बहुत अधिक इंतजार नहीं करना पड़ा। अगले पांच दिनों में ही तोशिबा और उसकी सेना के जल्द ही बाशा तक पहुंचने की सूचना उन लोगों तक पहुंच गई थी। जैसा कि त्रियाची ने पहले ही बताया था कि बाशा ग्रह बहुत अधिक ठंडा हो जाता है, तो हुआ भी वहीं था। बाशा की ठंड अब अपने चरम पर थी। ...Read More